शुक्र उदय, तीन जुलाई से मांगलिक कार्य का श्रीगणेश

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24 couples became companions in mass marriage ceremony ​
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जयपुर। धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के दाता शुक्र ग्रह पश्चिम दिशा में उदय हो गए हैं। शुक्र ग्रह का उदय आषाढ़ बुध की राशि मिथुन में हुआ है। इस राशि परिवर्तन से सभी शुभ और मांगलिक कार्य शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, द्विरागमन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी शुरू हो गई है। दो जुलाई तक बाल्यत्व दोष के बाद तीन जुलाई से इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा।

बाजारों में भी एक-दो दिन बाद रौनक लौट आएगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा। इसके बाद 9 जुलाई से मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि विवाह में शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र का उदित होना जरूरी है। गुरु दो जून को उदय हो चुके हैं। अब शुक्र उदय हो गए हैं।

जुलाई में आठ दिन शुभ मुहूर्त:

विवाह के मुहूर्त 9 से 15 जुलाई तक रहेंगे। कुल आठ दिन मुहूर्त रहेंगे। विवाह का आखिरी मुहूर्त भडल्या नवमी, 15 जुलाई को है। इस अंतिम विवाह मुहूर्त में सैकड़ों जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधेंगे। इसके बाद मुहूर्त सीधे नवंबर में देव उठनी एकादशी से प्रारंभ होंगे। इसकी वजह 17 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। चातुर्मास में विवाह मुहूर्त नहीं होते हैं।

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