जयपुर। वृन्दावन जहाँ कृष्ण बसते हैं, जहाँ का हर कण कृष्ण के प्रेम, भक्ति और वात्सल्य से ओतप्रोत रहता है, जयपुर का गुप्त वृन्दावन धाम भी कृष्ण के आगमन के प्रेम में ‘कृष्णमय’ हो गया है। भगवान् कृष्ण का प्राकट्य दिवस जन्माष्टमी गुप्त वृन्दावन धाम में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाएगा, भक्तों को ऐसा प्रतीत होगा मानो वो साक्षात वृन्दावन में भगवान् कृष्ण का स्वागत कर रहे हैं।
यशोदा नंदन जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती में नवरत्न धारण करेंगे, उनकी विशेष पौशाक पर ज़रदोज़ी की कढाई की गई है जो की वृन्दावन में विशेष तौर पर तैयार की गई है। जन्माष्टमी पर भगवान् श्री श्री कृष्ण बलराम का पुष्प अलंकार कर्नाटक से मंगवाए गए सेवंती फूलों से किया जाएगा, इसके अलावा पूरे गुप्त वृन्दावन धाम को संपूर्ण भारत में अलग अलग जगहों से मंगवाए गए फूलों से सजाया गया है। कृष्ण के स्वागत के लिए गुप्त वृन्दावन धाम मंदिर परिसर रंग बिरंगी रौशनी से जगमगा रहा है।
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गुप्त वृन्दावन धाम में नंदलाला का अर्ध रात्री को महारती के साथ महाभिषेक होगा, जैसे ही आधी रात को भगवान् कृष्ण प्रकट होंगे तब उनकी एक झलक पाने को आतुर भक्त उनके प्रेम और भक्ति के वशीभूत होकर उनको निहारेंगे और आशीर्वाद लेंगे, हरे कृष्ण महामंत्र और जयघोष से अर्ध रात्री को लाखों भक्त नंदलाला का स्वागत करेंगे और पूरा गुप्त वृन्दावन धाम भगवान् कृष्ण की प्रेमाभक्ति से ओतप्रोत हो जाएगा। जन्माष्टमी पर गुप्त वृन्दावन धाम में दो लाख से भी ज्यादा भक्तों के आने की सम्भावना है, मंदिर में प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम किये गए हैं।