करवा चौथ पर महिलाओं ने किया निर्जला व्रत, समूह में शामिल होकर सुनी चौथ माता की कथा

0
227
Women did a waterless fast on Karva Chauth
Women did a waterless fast on Karva Chauth

जयपुर। सुहाग का पर्व करवा चौथ रविवार को हर्ष -उल्लास के साथ मनाया गया। इस पर्व पर विवाहिताओं ने निर्जला व्रत रख कर अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना की। शनिवार देर रात विवाहिताओं ने अपने हाथों में मेहंदी लगाई और अल सुबह से निर्जला व्रत रखा। रविवार विवाहिताओं ने चौथ माता की कथा सुनी और चंद्रमा को अर्ध्य दिया। कई जगहों पर सामूहिक उद्यापन के कार्यक्रम भी हुए।

करवा चौथ पर महिलाओं ने अपने -अपने घरों में पुआ और हलुआ के साथ कई व्यंजन बनाए और रात को चंद्रमा को अर्ध्य देकर अपने पति के हाथों से पानी पीकर निर्जला व्रत का समापन किया।

सौलह श्रृंगार कर सुनी चौथ माता की कथा

करवा चौथ पर विवाहिताओं ने अपनी पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना करते हुए सौलह श्रृंगार किए । जिसके बाद समूह में चौथ माता की कहानी सुनी।

गज केसरी योग के साथ महालक्ष्मी के साथ शश समसप्तक योग में मनाई गई करवा चौथ

ज्योतिषाचार्य डॉ महेंद्र मिश्रा ने बताया कि 24 साल बाद करवा चौथ पर दुर्लभ ज्योतिषीय योगों का निर्माण हुआ है।जो दाम्पत्य जीवन के लिए काफी शुभ माना जा रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार रविवार को करवा चौथ के दिन गज केसरी,महालक्ष्मी के साथ शश ,समसप्तक,बुधादित्य जैसे राजयोगों का निर्माण हुआ है। साथ ही सूर्य और बुध बुधादित्य योग का निर्माण से करवा चौथ बहुत शुभ मानी जा रही है।

इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने वाली महिलाओं को मनोकामना पूर्ण होगी। इसी प्रकार शुक्र के वृश्चिक राशि में आने वह गुरु के साथ मिलकर समसप्तक योग का निर्माण हुआ है । शनि अपनी राशि कुंभ में रहकर शश राजयोग का निर्माण कर चुका है ।

इसके अलावा चंद्रमा वृषभ राशि में गुरु के साथ युति करके गज केसरी और मिथुन राशि में मंगल के साथ युति करके गजकेसरी राजयोग का निर्माण कर चुका है । इस दिन चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र भी करवा चौथ के दिन को खास बना रहा है।

चौथ माता मंदिर में सुबह से रही विवाहिता को भीड़

करवा चौथ पर्व पर गोपालजी का रास्ता स्थित चौथ माता मंदिर में रविवार को महिला की काफी भीड़ नजर आई। सुहाग के इस पावन पर्व पर विवाहिताओं ने चौथ माता का अभिषेक श्रृंगार कर उन्हे नवीन पोशाक धारण करवाई। मंदिर पुजारी चतुर्भुज शर्मा ने बताया कि सुहाग के इस पावन पर्व पर मंदिर परिसर में विवाहिताओं को सुबह से ही तांता लग गया।

चौथ माता की पूजा के बाद महिलाओं ने समूह में रहकर चौथ माता की कथा सुनी और निर्जला व्रत करने का संकल्प लिया। उन्होने बताया कि करवा चौथ के उपलक्ष्य में देर रात 11 बजे तक मंदिर के पट खुले रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here