जयपुर । पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देश पर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट और सीतापुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में दो महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन किया। यह सत्र महिलाओं को आत्मरक्षा, डिजिटल सुरक्षा और कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक बनाने के लिए थे। जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। दोनों कार्यक्रमों में भाग लेने वाली महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सीतापुरा इंडस्ट्रीज और पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में जागरूकता सत्र
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ की पहल पर प्रारंभ हुए ‘सशक्त नारी, जिम्मेदारी हमारी’ अभियान में तत्वावधान में पहला सत्र सीतापुरा इंडस्ट्रीज में आयोजित हुआ। इसमें विभिन्न कंपनियों की महिला कर्मचारियों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता मीना ने महिलाओं को ‘राज कॉप’ जैसे सुरक्षा ऐप्स के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षकों ने आत्मरक्षा का लाइव प्रदर्शन कर यह सिखाया कि मुश्किल परिस्थितियों में खुद का बचाव कैसे करें। इस दौरान महिलाओं को “सेफ्टी वॉरियर” का बैज भी दिया गया और उन्हें सुरक्षा की शपथ दिलाई गई।
इसी तरह राजस्थान पुलिस के निर्भया दस्ते ने पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में भी एक प्रभावी सत्र आयोजित किया। यूनिवर्सिटी की वूमेन विंग तथा स्टूडेंट काउंसलिंग के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुनीता मीना ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास और जागरूकता ही महिला सशक्तिकरण की कुंजी है।
आत्मरक्षा से डिजिटल सुरक्षा तक
सत्र का मुख्य आकर्षण आत्मरक्षा तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन था, जहाँ निर्भया दस्ते के सदस्यों ने छात्राओं को वास्तविक जीवन में उपयोगी सुरक्षा रणनीतियाँ सिखाईं। मीना ने महिला सशक्तिकरण की महत्ता पर जोर देते हुए बताया कि आत्मनिर्भरता ही प्रगति का मार्ग है।
उन्होंने डिजिटल युग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए साइबर सुरक्षा पर भी गहन चर्चा की। उन्होंने छात्राओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने और अपने निजी डेटा को सुरक्षित रखने के महत्व के बारे में जागरूक किया।
यह कार्यक्रम अत्यधिक संवादात्मक रहा, जिसमें छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और मीणा और निर्भया दस्ते के सदस्यों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। मेजबान पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मेंबर्स ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के सत्र कैंपस में एक सुरक्षित और सहायक शिक्षण वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की यह पहल न केवल शैक्षणिक रूप से मजबूत, बल्कि सामाजिक रूप से जिम्मेदार और सशक्त युवतियां तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो आत्मविश्वास के साथ आधुनिक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।