महिलाएं निसंकोच करें गायत्री महामंत्र का जाप: दीना द्विवेदी

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Women should chant Gayatri Mahamantra without hesitation: Dina Dwivedi
Women should chant Gayatri Mahamantra without hesitation: Dina Dwivedi

जयपुर। अनास्था संकट, वैचारिक प्रदूषण और विश्व मानवता पर छाए विनाश के काले बादलों की जगह आस्था का वातावरण बनाने, सद् विचार की ज्ञान ज्योति जगाने और भारत को विश्व गुरु बनाने के भाव से गायत्री परिवार की ओर से एक साल तक चलने वाले सृजन साधना अभियान का शुभारंभ किया गया है।

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार में 1926 से प्रज्जवलित अखंड दीपक को अगले वर्ष सौ साल पूरे हो जाएंगे। गायत्री परिवार की संस्थापिका भगवती देवी शर्मा का भी अगले वर्ष जन्म शताब्दी समारोह है। दोनों आयोजन निर्विघ्न रूप से संपन्न हो इस उपलक्ष्य में यह सृजन साधना संकल्प समोराह किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में आयोजित किया गया।

इसमें 1500 कार्यकर्ताओं ने अग्नि की साक्षी में प्रतिदिन साधना करने का संकल्प लिया। शांतिकुंज हरिद्वार से आई दीना द्विवेदी ने सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं के हाथ में अक्षत-पुष्प देकर व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण और समाज निर्माण के लिए प्रतिदिन गायत्री महामंत्र का सतत जाप करने का संकल्प करवाया। संकल्प से जुड़े अनुशासन भी बताए। नए साधक-साधिकाओं को गुरु मंत्र की दीक्षा भी दी गई।

इस मौके पर प्रतिदिन 11 माला और तीन माला के दो श्रेणी के संकल्प हुए। इससे पूर्व मुख्य वक्ता के रूप में दीना द्विवेदी ने कहा कि हर युग में ईश्वरीय चेतना संकल्प लेकर आती हैं। शिव के साथ शक्ति हमेशा रही है। राम के सीता, कृष्ण के साथ रुक्मिणी, रामकृष्ण परमहंस के साथ देवी शारदा आई। इसी प्रकार युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के साथ भगवती देवी शर्मा युग शक्ति के रूप में साथ आई। वे स्वयं शक्ति स्वरूपा है। उन्होंने गायत्री परिवार के मिशन को एक नई ऊंचाई दी।

दीना द्विवेदी ने कहा कि गायत्री मंत्र का जप महिलाएं कर सकती है। उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। गायत्री मंत्र का जप करने वाली महिलाओं का आज तक कुछ भी अनिष्ट नहीं हुआ। गायत्री परिवार से जुड़ी लाखों बहने प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप कर लाभ उठा रही है।

इसलिए महिलाएं किसी के बहकावे में आकर गायत्री मंत्र का जप करने से वंचित न रहे। केवल मासिक धर्म के चार-पांच दिनों में माला से जप करना निषेध है। प्रारंभ में डॉ.अजय भारद्वाज ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली के साथ गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल, जयपुर उप जोन समन्वयक सुशील शर्मा, गायत्री परिवार राजस्थान के ट्रस्टी सतीश भाटी, डॉ. प्रशांत भारद्वाज, केदार शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ के ट्रस्टी धर्म सिंह राजावत ने वेदमाता गायत्री और गुरु सत्ता के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन केदार शर्मा ने किया

चलेंगे हम जगत जननी तुम्हारे ही इशारों पर.

शांतिकुंज की महिला टोली शिवानी, ममता,कंचन, लीकेश्वरी,गायत्री कचोलिया ने चलेंगे हम जगत जननी तुम्हारे ही इशारों पर…प्रज्ञागीत की प्रस्तुति देकर भाव विह्लल कर दिया। प्रारंभ में गुरु वंदना और मातृ वंदना की गई। हारमोनियम और तबले पर भी महिला सदस्यों ने ही संगत की।

आसन-माला-चित्र किया भेंट

गायत्री परिवार की ओर से सभी साधक-साधिकाओं के लिए गायत्री महामंत्र जप करने के लिए आसन, माला, गोमुखी, देवस्थापना चित्र, गायत्री मंत्र स्टीकर सहित अन्य सामान का एक किट बनाकर निशुल्क भेंट किया गया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणिशंकर पाटीदार ने साधना अभियान के क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला।

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