जयपुर में इको-फ्रेंडली राखी निर्माण की कार्यशाला आयोजित

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जयपुर। रक्षाबंधन के पावन अवसर को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी के साथ जोड़ते हुए, जयपुर के ऐतिहासिक श्री रामचंद्र मंदिर (हवा महल परिसर) में रविवार को एक विशेष “इको-फ्रेंडली राखी निर्माण कार्यशाला” का आयोजन किया गया। यह आयोजन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) की जयपुर इकाई द्वारा पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प “संरक्षण” के तहत किया गया।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि पारंपरिक भारतीय त्योहार रक्षाबंधन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में लोगों को प्रेरित करना। कार्यक्रम में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों सहित विभिन्न वर्गों से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

कार्यशाला के दौरान यह सिखाया गया कि कैसे सामान्य घरेलू एवं प्राकृतिक सामग्री — जैसे सूती धागा, सूखे फूल, हल्दी, कुमकुम, अनाज के दाने और प्राकृतिक गोंद — के उपयोग से सुंदर, टिकाऊ और पूरी तरह जैविक राखियां बनाई जा सकती हैं। ये राखियाँ न केवल पारंपरिक सौंदर्य से परिपूर्ण थीं, बल्कि पूर्णतः प्लास्टिक और रसायन रहित भी थीं। आयोजन स्थल पर बनाई गई दर्जनों राखियाँ प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और सादगी का प्रतीक बनकर सामने आईं

इस अवसर पर साध्वी लोकेशा भारती ने बताया कि बाजार में बिकने वाली अधिकांश राखियाँ प्लास्टिक या रसायन युक्त होती हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती हैं और त्योहार की आत्मिक गरिमा को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि “रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व में प्लास्टिक की सजावट और कृत्रिम वस्तुओं का उपयोग पर्यावरण के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इसके विपरीत, प्राकृतिक राखियाँ बायोडिग्रेडेबल होती हैं और कोई हानि नहीं पहुँचातीं।

यह आयोजन संस्थान के राष्ट्रव्यापी अभियान “संरक्षण” का हिस्सा है जो जन-जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन और सतत जीवनशैली को प्रोत्साहन देने की दिशा में कार्यरत है। “संरक्षण” के अंतर्गत देशभर में वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता मुहिम, प्लास्टिक उन्मूलन रैलियां, कार्यशालाएं और जन संवाद जैसी गतिविधियां समय-समय पर आयोजित की जाती हैं।

संस्थान का यह भी मानना है कि — “सच्चा संरक्षण आत्मचेतना से ही संभव है”। जब व्यक्ति अपने आंतरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है, तभी वह बाहरी समाज और प्रकृति के प्रति भी अपने उत्तरदायित्व को समझ पाता है। इसी सोच के साथ ‘संरक्षण’ अभियान देशभर में पर्यावरणीय विषयों पर जागरूकता फैलाने में संलग्न है।

कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने यह शपथ ली कि वे इस रक्षाबंधन पर केवल इको-फ्रेंडली राखियां ही उपयोग करेंगे और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

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