सड़क पर बंधी रस्सी से युवक का गला कटने से मौत

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जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम के पास सड़क पर बंधी रस्सी से गले की नस कटने से युवक की मौत हो गई। युवक अपने साथी के साथ बाइक पर जा रहा था। इसी दौरान प्रदीप मिश्रा की कथा के लिए बैरिकेडिंग की रस्सी से टकरा गया। रस्सी गले पर अटकने से वह घायल हो गया। उसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सड़क दुर्घटना थाना (उत्तर) के एएसआई माधोसिंह ने बताया कि हादसे में उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी दिनेश (40) पुत्र भगवान सिंह की मौत हो गई। दिनेश पत्नी और दो बच्चों के साथ नाहरी का नाका, शास्त्री नगर में किराए के मकान में रहता था। 8 मई को दोपहर करीब 3:30 बजे अपने साढू विवेक के साथ बाइक से विद्याधर नगर सेक्टर-6 में काम से गया था। विद्याधर नगर स्टेडियम के पास से जाते समय सड़क पर बंधी रस्सी दिनेश को दिखाई नहीं दी। गले पर रस्सी टकराने पर बाइक आगे निकल गई। दोनों उछल कर नीचे गिर गए।

रोड पर गिरने से दोनों घायल हो गए। घायल हालत में ही दोनों बाइक लेकर कांवटिया हॉस्पिटल पहुंचे। विवेक को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी मिल गई। वहीं, गले की नस कटने के कारण दिनेश को तुरंत एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान दिनेश की शनिवार देर रात मौत हो गई। मेडिकल सूचना पर पहुंची पुलिस ने शनिवार को पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजन को सौंप दिया। दिनेश पेंटर था।

प्रोग्राम की व्यवस्था के लिए बांधी गई थी रस्सी

एएसआई माधोसिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि पिछले दिनों विद्याधर नगर स्टेडियम में प्रोग्राम हुआ था। प्रोग्राम के दौरान व्यवस्था को लेकर रस्सियां बांधी गई थीं। स्टेडियम के पास सड़क पर भी रस्सी बंधी थी। युवक बाइक लेकर वहां से निकले। बंधी रस्सी से लगे झटके से दोनों उछल कर नीचे गिर गए। बाइक आगे निकल कर कुछ दूरी पर गिर गई। लहूलुहान हालत में बाइक चलाकर दोनों हॉस्पिटल पहुंचे थे।

प्रदीप मिश्रा की कथा के लिए लगाई थी रस्सी

दिनेश के साढू विवेक ने बताया कि मैं और मेरा साढू दिनेश आगरा रोड से विद्याधर नगर के सेक्टर-6 में काम की बात करने जा रहे थे। विद्याधर नगर स्टेडियम के पास जैसे ही हम घूमे तो वहां प्रदीप मिश्रा का जो प्रोग्राम हुआ था, उसके लिए जहां लेबर काम कर रही थी। लेबर ने बीच रोड पर रस्सी बांध रखी थी। वो रस्सी हमको दिखाई नहीं दी। अचानक रस्सी से टकराने से मेरा और साढू का एक्सीडेंट हो गया।

इससे उनके गले में चोट आई। चोट आने की वजह से उनका खून ज्यादा निकल गया। मैं आनन-फानन में उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। हॉस्पिटल में उनको टांके लगाकर ट्रीटमेंट किया। बाद में मालूम पड़ा, उनको सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के लिए कहा था। उसके बाद दूसरे दिन उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा 1 से 7 मई तक आयोजित की गई थी।

अब सवाल यह उठता है कि यह हादसा किसकी लापरवाही का नतीजा है। पुलिस या कथा आयोजन करने वालों की। इस मामले की जांच कर दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए है।

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