जयपुर। जयपुर ग्रामीण जिले के अमरसर थाना पुलिस की ओर से नकली नोट छापने के मामले में पकड़े गए बदमाश ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। आरोपी ने बताया कि नकली नोट की फैक्ट्री की साजिश उसने जेल में बैठकर रची थी। इस काम में उसने बीएड कर रहे दोस्त को पार्टनर बनाया। उसके पुश्तैनी मकान में ही प्रिंटर रखकर नोट छापना शुरू कर दिया था।
दोनों बदमाशों ने असली 100 रुपए लेकर 500 रुपए (200 और 100) के नकली नोट बेचने का सौदा किया था। डिलीवरी देने जा रहे थे। तभी दोनों बदमाश सचिन यादव और सुरेंद्र सैन पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनमें से सुरेंद्र कुमार आर्म्स एक्ट के मामले में जेल काट चुका था। उसका जाली नोट छापने वाले बदमाशों के साथ जेल में ही संपर्क हुआ था। जहां से उसने इसकी पूरा तरीका जान लिया था।
गौरतलब है कि अमरसर थाना पुलिस ने 15 मार्च को धानोता गांव के पास नाकाबंदी कर बाइक सवार एक युवक सचिन यादव को रुकवाया। तलाशी ली तो उसके पास एक लाख पांच हजार रुपए के जाली नोट मिले। इसमें 100 और 200 रुपए के जाली नोट थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर नोट जब्त कर लिए। सचिन से पूछताछ के बाद पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड आरोपी सुरेन्द्र सैन को भी गिरफ्तार किया।
दोनों आरोपी आपस में दोस्त हैं और सचिन के पुश्तैनी मकान में ही एक कमरे में ये जाली नोट तैयार किए थे। पुलिस ने सचिन के पास से 100 रुपए के 39 हजार और 200 रुपए के 66 हजार रुपए के जाली नोट बरामद किए। बाद में आरोपी की निशानदेही पर एक कलर प्रिंटर, प्रिंटर में उपयोग में होने वाली अलग अलग रंग की स्याही, प्रिंट निकालने के लिए कड़क पेपर सहित कई औजार बरामद किए।