साहित्य प्रेमियों से रूबरू होंगे वरिष्ठ साहित्यकार श्याम जांगिड़

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जयपुर। राजस्थानी और हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार श्याम जांगिड़ राजधानी में साहित्य प्रेमियों से रूबरू होंगे। राजस्थानी भाषा के कार्यक्रम आखर में शनिवार, 23 दिसंबर को उनके साथ राजस्थानी साहित्य के विभिन्न पक्षों पर बातचीत होगी। उनके साथ संवाद युवा साहित्यकार जगदीश गिरी करेंगे। इस कार्यक्रम में लेखक किशन प्रणय की पुस्तक मौसर का भी विमोचन किया जाएगा। प्रसिद्ध व्यंग्य लेखक यशवंत व्यास बुक का विमोचन करेंगे।

वरिष्ठ लेखक श्याम जांगिड़ ने हिंदी भाषा कई साहित्य लिखे है जिनमें प्रमुख है: जुड़े हुए फासले, एकला चलो रे, कटा हुआ समय (कहानी संग्रह-3), प्रेम गली अति सांकरी, न होने का दर्द, उदास हथेलियां (उपन्यास-3) और महाकाल की जटाओं में दस दिन (यात्रा वृत्तांत) का लेखन शामिल है। इसी तरह राजस्थानी भाषा में अक सती री आखरी परिकमा, (कहानी संग्रै), नौरंगजी री अमर कहाणी, गोमती भाभी (उपन्यास-2), म्हारो अध्यक्षता कांड ( व्यंग्य संग्रै ), राजस्थानी री आधुनिक कहाणियां ( सम्पादन), डोगरी कथावां (केंद्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली प्रकाशन) लेखन किया है।

इन्हें साहित्य सृजन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए है। इनमे राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर का डॉ. रांगेय राघव कथा सम्मान (2007), राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर का शिवचन्द भरतिया गद्य पुरस्कार (2013), भरत व्यास सम्मान, मनुज सम्मान, डूंडलोद विद्यापीठ का शारदा पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री सम्मान आदि शामिल है। इनके उपन्यास पर रेडियो और टीवी पर वार्ताएं प्रसारित हुई है।

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