जयपुर। आषाढ़ शुक्ल एकादशी बुधवार को देवशयनी एकादशी के रुप में मनाई गई । मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में सुबह मंगला झांकी के बाद पांच बजे पंचामृत से ठाकुरजी का अभिषेक किया गया। जिसके पश्चात ठाकुरजी को लाल रंग की नवीन नटवर वेशभूषा धारण कराकर गोचारण लीला के आभूषण पहनाए गए।
देवशयनी पूजा के रहे भगवान के पट मंगल
गोविंद देवजी मंदिर में शाम पौने पांच से लेकर पांच बजकर 35 मिनट तक देवशयनी पूजा की गई। जिसमें भक्तों के लिए दर्शन बंद रहे और मंदिर के पट बंद रहें। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि शालिग्राम भगवान को चांदी के रथ में विराजमान कर दक्षिण-पश्चिम कोने स्थित तुलसा मंच ले जाया गया । यहां मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी पंचामृत से शालिग्राम का अभिषेक किया।
पूजा, भोग, आरती के बाद मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी शालिग्राम और तुलसी महारानी की चार पक्रिमा करेंगे। इसके बाद शालिग्राम भगवान को चांदी के खाट पर शयन कराकर पुन: मंदिर की परिक्रमा कर गर्भगृह में शयन का भाव कराया गया । इसके बाद श्रद्धालुओं को संध्या झांकी के दर्शन हुए । एकादशी पर ठाकुरजी को बिजौना दाल, पंच मेवा और फलों का भोग अर्पण किया गया।
ये रहा झांकियों का समय
देवशयनी एकादशी पर मंदिर परिसर में मंगला झांकी सुबह साढ़े 4 बजे से लेकर सवा 5 बजे तक सजाई गई। जिसके पश्चात धूप झांकी 7 बजकर 45 मिनट से लेकर 9 बजे तक रही। आराध्य देव की श्रृंगार झांकी साढ़े 9 से लेकर सवा 10 बजे तक रही। जिसके पश्चात राजभोग झांकी का समय पौने 11 बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक रहा। ग्वाला झांकी शाम 4 बजे से लेकर सवा 4 बजे तक रहीं। शयन झांकी रात्रि 8 से लेकर साढ़े 8 बजे तक रहीं। ग्वाला झांकी के बाद शाम पौने पांच से लेकर पांच बजकर 35 मिनट तक देवशयनी पूजन होने के कारण ठाकुरजी के दर्शन पट बंद रहें।
श्री सरस निकुंज में किया पुष्प श्रृंगार
सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में देवशयनी एकादशी पर ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी सरकार का पुष्प श्रृंगार किया गया। संध्या के समय पदावलियों के गायन के साथ शालिग्राम जी स्वरूप ठाकुर को पोढावनी कराई गई। श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज ने मधुर मिष्ठान और पंच मेवा अर्पित किए। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि बड़ी संख्या में वैष्णव भक्तों ने ठाकुरजी की झांकी के दर्शन किए।