जयपुर। चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी महोत्सव के पोस्टर का विमोचन हुआ । किन्नर समाज की बाई लैला बाई ने गणेश जी महाराज की विशेष पूजा अर्चना कर पोस्टर का विमोचन किया । इस मौके पर दीपा बाई सपना बाई मालती बाई लीची बाई विमोचन के मौके पर मौजूद रही । मंदिर महंत राहुल शर्मा और अमित शर्मा ने अतिथियों का माला दुपट्टा और गणेश जी की छवि देकर सम्मानित किया ।
4 सितंबर बुधवार को 21000 लड्डू की सजेगी झांकी
गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को विशेष योग संयोग में मनाया जाएगा । छोटी काशी के गणेश मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान और भगवान की विशेष झांकियां सजाई जाएगी। इसी कड़ी में चांदपोल बाजार स्थित पर कोटा गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में चार दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । मंदिर महंत राहुल शर्मा ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ 4 सितंबर बुधवार को गणेश जी महाराज की विशेष पूजा अर्चना कर शिखर पर ध्वजा अर्पण की जाएगी । भगवान गणपति की फूल बंगला झांकी सजाकर 21000 लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। इस दिन श्रद्धालु गणपति की पूजा अर्चना के साथ गणेश जी महाराज को गणपति अथर्वशीर्ष वह गणपति अष्टोत्तर नामावली से लड्डू अर्पित करेंगे । यह क्रम सुबह से लेकर रात तक चलेगा ।
5 सितंबर को भगवान गणपति की सजेगी दुर्वा झांकी
मंदिर के प्रवक्ता अमित शर्मा ने बताया कि 5 सितंबर को भगवान गणपति की दुर्वा झांकी सजाई जाएगी । भक्त लोग गणपति की पूजा अर्चना कर दुर्वा अर्पित करेंगे । प्रभात फेरी मंडल की ओर से गणपति नाम संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा ।
6 सितंबर महंत परिवार की ओर से प्रथम पूज्य को मेहंदी अर्पण
6 सितंबर भगवान गणपति के मेहंदी सिंजारा उत्सव मनाया जाएगा । भगवान को 101 किलो मेहंदी अर्पित की जाएगी। महंत परिवार की ओर से प्रथम पूज्य को मेहंदी अर्पण की जाएगी । महिलाएं मंदिर प्रांगण में एक दूसरे को मेहंदी लगाएंगे इस मौके पर महिला मंडल के द्वारा बधाई गान का आयोजन होगा ।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को सोने का वर्क धारण करेंगे
7 सितंबर गणेश चतुर्थी के मौके पर गणेश जी महाराज का तीर्थ के जल से पंचामृत अभिषेक और फलों के रसों से अभिषेक किया जाएगा । अभिषेक के पश्चात भगवान को सोने के वर्क का चोला धारण कराया जाएगा। फूल बंगला झांकी सजाकर छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी । स्थानीय गायक कलाकार प्रथम पूज्य का भजनों के माध्यम से गुणगान करेंगे । इस मौके पर पूरे मंदिर परिसर को फूलों और बंदरवाल झंडों से सजाया जाएगा । चार दिन तक मंदिर में विशेष लाइटिंग की जाएगी ।