पिकअप में मिले 2 हजार किलो विस्फोटक मामले में दो गिरफ्तार

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जयपुर। बस्सी टोल के पास 6 दिन पहले मिले 2075 किलो विस्फोटक मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पिकअप को एस्कॉर्ट करने वाले और पिकअप के खलासी को गिरफ्तार किया है। लेकिन पुलिस छह दिन में यह पता नहीं कर सकी कि विस्फोटक आखिर जयपुर में क्यों लाया गया। इसका जयपुर में क्या इस्तेमाल किया जाने वाला था।

न ही विस्फोटक कहां से लाया जा रहा था इसकी कोई जानकारी अभी तक पुलिस के पास है। छह दिन बीतने के बाद भी पुलिस के पास इस विस्फोटक के बारे में कोई बड़ी लीड नहीं हैं। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ जांच में सामने आया कि ये विस्फोटक अत्यंत संवेदनशील और प्रतिबंधित श्रेणी में आता है।

जांच अधिकारी एसआई मनोज ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी रामजीलाल बलाई तूंगा (जयपुर) के हाथीपुरा और कृष्ण कुमार मीणा दौसा के खानवास के रहने वाला हैं। आरोपी रामजीलाल पिकअप वाहन को एक्सकॉर्ट कर रहा था। वहीं, कृष्ण कुमार उसी पिकअप पर खलासी के तौर पर काम करता था।

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कई सालों से विस्फोटक सामग्री का अवैध रूप से परिवहन कर रहे हैं। ज़ब्त किया गया विस्फोटक अत्यंत संवेदनशील और प्रतिबंधित श्रेणी में आता है। इसका किसी भी रूप में उपयोग कानूनी अपराध है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने ऐसे दर्जनों लोगों के नाम बताए हैं, जो इस अवैध नेटवर्क से जुड़े हैं। नियमित रूप से विस्फोटकों की सप्लाई लेते हैं। पुलिस अब इन सुरागों के आधार पर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई में जुट गई है।

दरअसल, 10 मई को जयपुर-भरतपुर नेशनल हाईवे पर सड़क किनारे खड़ी पिकअप में पुलिस को 2075 किलो विस्फोटक मिला था। पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर विस्फोटक को सीज कर लिया था। इसकी जानकारी पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन को दे दी । पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन की टीम ने इस अवैध विस्फोटक का सैंपल किया। इसे जांच में अत्यधिक संवेदनशील बताया गया है।

पिकअप में रखे कार्टन पर ऑप्टिस्टार एक्सप्लोसिव लिखा हुआ था। वहीं सफेद कट्टों पर अमोनियम नाइट्रेट लिखा हुआ था। कुल 63 कार्टन और 10 प्लास्टिक के कट्टे मिले थे। पिकअप के नंबर के आधार पर वाहन मालिक की पहचान ईश्वर सिंह पुत्र अर्जुन सिंह रावत निवासी शिवपुर नरेली मांडल भीलवाड़ा के रूप में हुई थी। पिकअप मालिक से भी कोई संपर्क नहीं हुआ।

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