जयपुर। डेढ़ दशक बाद ग्रहों में उम्र माने जाने वाले राहु और केतु ने रविवार देर गोचर कर लिया। राहू ने कुंभ राशि में और केतु ने सिंह राशि में गोचर किया है। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन, राहु को ज्योतिषविद बेहद शक्तिशाली ग्रह मानते हैं। जबकि केतु को आध्यात्मिक वैराग्य, मुक्ति और ज्ञान का ग्रह माना गया है। राहु-केतु के गोचर होने से दोनों का समसप्तक योग बनेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के ये दोनों छाया ग्रह कुंभ और सिंह में अगले डेढ़ साल तक रहेंगे। इसका सभी 12 राशियों पर व्यापक और गहरा असर होगा। ज्योतिष और पुराणों में राहु-केतु को ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ये अन्य ग्रहों की भांति भौतिक रूप से मौजूद नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। राहु हमेशा वक्री चाल से चलता है और यह किसी एक राशि में करीब 18 महीनों के लिब गोचर करता है। राहु के गोचर करने से कई राशियों के जीवन बदलाव आ सकता है।
मेष, वृषभ, मिथुन, मकर,मीन राशियों पर रहेगा असर:
मेष: राहु के राशि परिवर्तन से भूमि वाहन और मकान खरीदारी से सुखों की प्राप्ति होगी। साहस, पराक्रम और धन-लाभ में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
वृषभ: सहकर्मियों का रूखा स्वभाव आपके लिए परेशानियां पैदा कर सकता है। जॉब में परिवर्तन करने का विचार भी बना सकते हैं आर्थिक पक्ष पर ध्यान शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
मिथुन: इनके भाग्य में कुछ उतार तो कुछ चढ़ाव दिखेंगे। कभी आपको भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा तो कभी बनते-बनते कामों में कई तरह की रूकावट उत्पन्न होंगी।
मकर: यह भाव धन और कुटुंब का कारक माना जाता है। पैक का मेहनत के बाद ही मुनाफा होगा। सेहत को लेकर भी सावधानी आपको बरतनी चाहिए। वाणी को नियंत्रण में रखें। जरूरतमंदों को जरूरत की चीजें दान करें।
मीन: राहु का गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। कुछ लोगों को न चाहते हुए भी नौकरी छोडऩी पड़ सकती है। विदेशों में या विदेशी कंपनियों में काम करने वाले लोगों को उतार-चढ़ाव का सामना करन् पड़ेगा। गलत संगति से आपक बचकर रहना चाहिए, नहीं तो इस अवधि में मानहानि होने की आशंका है।