निर्जला एकादशी 7 जून को: निर्जला एकादशी पर गोविंद देवजी में भीड़ को देखते हुए बदलेगी दर्शन व्यवस्था

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Govind Devji was woken up by blowing conch shell, bell and gong
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जयपुर। ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में निर्जला एकादशी उत्सव 7 जून को मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। प्रचंड गर्मी में दर्शनार्थियों की बढ़ती भारी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद मंदिर प्रशासन ने दर्शन की व्यवस्थाओं में कई परिवर्तन किए हैं ताकि दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो। मुख्य बदलाव यही है कि चप्पल-जूते गाड़ी या बाहर उतारे और दर्शन करें। मंदिर परिसर और जगमोहन में लगातार खड़े रहने से बचें ताकि पीछे आने वालों को शीघ्रता से दर्शन हो सकें। मोबाइल से रील बनाने का मोह भी छोडऩा होगा।

सुबह मंगला से शयन झांकी तक ठाकुरजी करीब 16 घंटे दर्शन देंगे। मंगला झांकी में का समय बढ़ाया गया है। मंगला झांकी सुबह साढ़े चार से साढ़े छह बजे तक होगी। लगातार दो घंटे ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे। इतनी देर दर्शन केवल जन्माष्टमी, होली, दीपावली और नववर्ष पर ही होते हैं। कडक़ धूप से बचाने के लिए मंदिर के बाहर से जगमोहन तक छाया की व्यवस्था रहेगी। जगह-जगह पंखे और कूलर लगाए जाएंगे। पीने के पानी की व्यवस्था के लिए पांच जगह मंदिर की ओर से प्याऊ लगाई जाएगी। सभी को सुविधापूर्वक दर्शन हो इसके लिए करीब 200 स्वयंसेवक और पुलिस कर्मी ड्यूटी देंगे। पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रखेंगे।

दर्शन करने आएं तो इन बातों का रखें ध्यान

मंदिर में जूते-चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। दर्शनार्थियों को अपने जूते-चप्पल खोल कर ही मंदिर में प्रवेश करना होगा। दर्शनार्थियों को मटके में जल अपने घर से ही भर कर लाना होगा। क्योंकि भारी भीड़ होने के कारण पानी के टैंकर से जलापूर्ति संभव नहीं हो पाती। इसलिए मंदिर में जल भरने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। श्रद्धालु जल से भरे मटके, हाथ पंखी और आम का दान करेंगे। ये सामान बाद में जरुरतमंदों को वितरित किया जाएगा।

भारी भीड़ का लाभ उठाकर चोर सामान पार नहीं कर सकें इसलिए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से कीमती सामान, बैग, थैला, लेडीज पर्स लेकर नहीं आने और कीमती आभूषण पहन कर नहीं की अपील की गई है। गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी नहीं हो इसलिए पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।

प्रवेश मुख्य द्वार से निकास जय निवास बाग से:

मंदिर में प्रवेश केवल मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश निषेध रहेगा।
ब्रह्मपुरी और कंवर नगर से आने वाले दर्शानार्थी का भी प्रवेश मंदिर मुख्य द्वार से प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर के पीछे कुएं वाले गेट से प्रवेश निषेध रहेगा ।
दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं का निकास पीछे जय निवास बाग की तरफ से होगा ।
यह व्यवस्था 7 जून को मंगला से शयन झांकी तक रहेगी।
मंदिर में नि:शुल्क जूता घर बंद रहेगा
हृदय रोगी, डायबिटीज रोगी, ब्लड प्रेशर रोगी या जिन्हें सांस की तकलीफ है तथा अन्य किसी बीमारी से ग्रसित भक्तों से भारी भीड़ के कारण होने वाली असुविधा से बचने के लिए मंदिर नहीं आने की अपील की गई है। ऐसे भक्त ऑनलाइन दर्शन कर सकते है।
संदिग्ध व्यक्ति एवं लावारिस वस्तु दिखने पर मंदिर प्रशासन को एवं पुलिस प्रशासन को तुरंत सूचित करें।

यह रहेगा झांकियों का समय:
मंगला झांकी-सुबह 4:30 से 6:30 बजे तक
धूप झांकी-सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक
श्रृंगार झांकी–सुबह 9:30 से 10:15 तक
राजभोग झांकी- सुबह 10:45 से 11:15 तक
जल यात्रा-मध्याह्न 12:45 से 01:00 बजे तक
ग्वाल झांकी- शाम 4:30 से 5:15 बजे तक
संध्या झांकी-शाम 5:45 से 7:15 बजे तक
शयन झांकी- शाम 7:30 से रात्रि 8:30 बजे तक
(परिस्थिति के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है)

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