गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना से पाएं मां दुर्गा की विशेष कृपा

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Navratri rituals started with Pran Pratishtha in Gayatri Shaktipeeth Kalwad
Navratri rituals started with Pran Pratishtha in Gayatri Shaktipeeth Kalwad

जयपुर। हर साल दो प्रत्यक्ष (चैत्र और आश्विन माह में और दो गुप्त माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि आते हैं। गुप्त नवरात्रि को तंत्र-साधना,मनोकामना पूर्ति और जन्म कुंडली के दोष दूर करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया हैं । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून गुरुवार को सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही हैं और यह 4 जुलाई शुक्रवार को रवि योग में भडल्या नवमी के दिन समापन होगा ।

शनिवार को नवरात्रोत्थापन होगा। 26 जून बुधवार को सुबह 5:34 बजे से सुबह 7:17 बजे तक इसके बाद 10:45 बजे से अपराह्न 3:53 बजे तक घट स्थापना का मुहूर्त हैं। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की दस महाविद्याओं का विशेष पूजन और देवी शक्ति के 32 नामों का जाप विशेष फलदायी होता हैं ।

नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ रूपों की भी पूजा की जाती हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि जब भी नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती हैं तो मां पालकी (डोली) में सवार होकर आती हैं। इससे गुप्त नवरात्रि के दौरान तेज बारिश के योग बनेंगे। देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ शतचंडी, ललिता सहस्त्रनाम और सप्तशती का पाठ होगा

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