राजस्थान में साइबर अपराधों पर पुलिस का शिकंजा: धोखाधड़ी की रकम में 26 करोड़ की कमी

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Police headquarters issued advisory regarding cyber fraud
Police headquarters issued advisory regarding cyber fraud

जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियानों और व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रमों के कारण राज्य में साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण देखने को मिल रहा है। पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम राजस्थान जयपुर के कार्यालय के अनुसार साइबर धोखाधड़ी से संबंधित धन राशि में उल्लेखनीय कमी आई है,जबकि होल्ड—रिफंड की राशि में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और व्हाट्सएप साइबर हेल्पलाइन नंबर 9256001930, 9257510100 की शुरुआत के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जारी एडवाइजरी के चलते आमजन में साइबर जागरूकता बढ़ी है। इसी का परिणाम है कि लोग या तो साइबर अपराधों का शिकार होने से बच पा रहे हैं या तुरंत रिपोर्टिंग के कारण त्वरित कार्रवाई संभव हो पा रही है।

एसपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2024 और 2025 के पहले 6 महीनों की तुलनात्मक रिपोर्ट निम्न है:

रिपोर्ट की गई कुल शिकायतें: 2024 में 53,975 से बढ़कर 2025 में 54,879 हो गईं।
दर्ज एफआईआर : 2024 में 250 से घटकर 2025 में 132 हो गईं।
रिपोर्ट की गई राशि (करोड़ों में): 2024 में 354.66 करोड़ से घटकर 2025 में 328.64 करोड़ हुई।
होल्ड/फ्रीज की गई राशि (करोड़ों में): 2024 में 43.93 करोड़ से बढ़कर 2025 में 66.58 करोड़ हो गई है।

एसपी सिंह ने बताया कि इन आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2024 और 2025 के पहले 6 महीनों की तुलना में साइबर अपराधों में शामिल कुल धनराशि में लगभग ₹26 करोड़ की कमी आई है। वहीं, बैंक/पेमेंट पोर्टल पर होल्ड/ अकाउंट फ्रीज की गई राशि में लगभग 23 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से ठगी गई राशि को रोकने और वापस दिलाने में बड़ी सफलता मिल रही है।

राजस्थान पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी प्रकार की साइबर क्राइम घटना होने पर तुरंत इसकी सूचना दें। यह सफलता राजस्थान पुलिस की साइबर सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और प्रभावी कार्रवाई का परिणाम है, जिससे राज्य में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिल रही है।

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