श्याम महाकुंभ के तीसरे दिन बाबा श्याम का सोना चांदी हीरे मोती पन्ना के आभूषण से किया भव्य श्रृंगार

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On the third day of Shyam Mahakumbh, Baba Shyam was adorned with gold, silver, diamonds, pearls and emerald jewellery.
On the third day of Shyam Mahakumbh, Baba Shyam was adorned with gold, silver, diamonds, pearls and emerald jewellery.

जयपुर। शास्त्री नगर स्थित खंडेलवाल कॉलेज प्रांगण में चल रहे श्याम महाकुंभ के तीसरे दिन प्रातःकाल बाबा श्याम का विशेष स्नान एवं श्रृंगार किया गया। बाबा को दूध, दही, पंचामृत, जड़ी-बूटियों और गंगाजल में इत्र डालकर स्नान कराया गया। जिसके पश्चात गोटा-तारी की कारीगरी से सजी नई पोशाक धारण कराई गई तथा केंसर-चंदन से तिलक लगाया गया। कलकत्ता से विशेष रूप से मंगवाई गई ड्राई-फ्रूट्स की माला बाबा को पहनाई गई। साथ ही जयपुर के कुशल कारीगरों द्वारा बनाए गए हीरा-पन्ना पोलकी के आभूषण और बड़े-बड़े कुंदन जड़े स्वर्ण आभूषणों से बाबा का अलंकरण किया गया।

कार्यक्रम संयोजक हरिकिशन टोडवाल एवं संरक्षक मंडल के सदस्य रामबाबू कायथवाल, महेंद्र हल्दिया, सत्यनारायण गुप्ता, मनोज कूलवाल, महेश वाधवानी, दिलीप वैद, धीरज नाटाणी, बन्नाराम चौधरी, अंकित खंडेलवाल, अनूज खंडेलवाल, योगेश खंडेलवाल, राजेश सिंधल, रवी केदावत, मुरारी अग्रवाल व मनोज मुरारका ने सभी भक्तों का माला-दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।

संस्था मंत्री श्री शंकर झालानी ने बताया कि सुबह 6 बजे से मनोज ग्वालियर ने अपने अद्भुत भजनों से वातावरण को भक्ति रस में रंग दिया। इसके पश्चात् जयपुर के मान पंडित राज राठौड़, मनोज शर्मा, आदित्य छींपा, सागर शर्मा और अशुतोष शर्मा ने भजनों की प्रस्तुति दी।

संस्था कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश बड़ाया ने बताया कि दरबार में एक तरफ नांदिया कि बाबा श्याम के सामने अदभुत झांकी का दर्शन दे रहे हैं जैसे भोलेनाथ भक्तों कि विपत्ति दूर करने के लिए तैयार है और बाबा श्याम जी के लिए घोड़ा भी रखा है

अध्यक्ष श्री सुरेश पाटोदिया ने बताया कि चक्रधारी लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, गोविंद शर्मा व निशा शर्मा ने भी भावपूर्ण भजनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। दिनभर कीर्तन का दौर चलता रहा और शाम 6 बजे तक राजस्थान के अनेक भजन कलाकारों ने बाबा को रिझाया। तत्पश्चात प्रवीन शर्मा, आयुष सोमानी, सीमा मिश्रा, मुकेश बांगड़ा, कलकत्ता से आए सौरभ शर्मा और संजू शर्मा ने भजनों की मधुर प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भजन “भटके क्यों दर-बदर कर भरोसा श्याम पर…” तथा “तुम्हारी शरण मिल गई सावरै…” ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया और वातावरण “श्याम रंग” में डूब गया। अंत में संरक्षक रामबाबू झालानी ने सभी कलाकारों को प्रतीक-चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।

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