जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में रविवार देर रात भीषण आग लग गई। आग अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में लगी, जहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज चल रहा था। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार, आग रविवार रात लगभग 11:50 बजे लगी। ICU वार्ड में अचानक धुआं उठता दिखाई दिया, जिसके बाद वहां मौजूद मरीजों और स्टाफ के बीच अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी। दमकल की करीब 7 गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। इस दौरान कई मरीजों को बेड सहित बाहर निकाला गया।
हालांकि प्रशासन ने अभी तक आग के कारणों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक जांच में बिजली के शॉर्ट सर्किट को वजह माना जा रहा है। ICU में काफी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर होने के कारण आग तेजी से फैली।
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉक्टर अनुराग धाकड़ ने बताया कि “शॉर्ट सर्किट की आशंका है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।” आग लगते ही अस्पताल का स्टाफ और सुरक्षा कर्मी तुरंत हरकत में आए। कई मरीजों को अपने बिस्तरों सहित बाहर निकाला गया। कुछ मरीजों की मौत धुएं और ऑक्सीजन की कमी से हुई। मौके पर मौजूद परिजनों ने बताया कि आग के दौरान ICU में पूरी तरह अंधेरा छा गया था और स्टाफ की संख्या कम थी।
मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि समय रहते आग बुझाने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और फायर अलार्म भी काम नहीं कर रहे थे।
घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख का मुआवज़ा और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की। सरकार ने कहा है कि “लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”