एसओजी ने फर्जी एवं कूटरचित मार्कशीट बनाने वाले इनामी बदमाश को पकड़ा

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जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए फर्जी एवं कूटरचित मार्कशीट बनाने वाले पच्चीस हजार रुपए के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया हैं। एसओजी की टीम ने गिरफ्तार आरोपी के पास मिले बैग से एक एचपी कंपनी का लैपटॉप,वीवो कंपनी का मोबाइल, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और अलग-अलग विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थान की अंक तालिका,प्रमाण-पत्र मिले है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी

हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश में बेरोजगार छात्रों से ठगी की कई वारदात कर चुका हैं। एसओजी की टीम आरोपी से पूछताछ करने में जुटी है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) एसओजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी की टीम ने फर्जी एवं कूटरचित मार्कशीट बनाने वाले पच्चीस हजार रुपए के इनामी बदमाश सौरभ सिंह (30) पुत्र सतपाल सिंह निवासी-गणियार जिला महेंद्रगढ़ (हरियाणा) को गिरफ्तार किया हैं।

एसओजी एडीजी ने बताया कि भारतीय डाक विभाग ऑफिस अजमेर मंडल के प्रवर अधीक्षक ने मामला दर्ज करवाया था कि डाक विभाग में जीडीएस ऑनलाइन एंगेजमेंट 2023-अनुसूची-II के तहत नौकरी के ऑनलाइन आवेदन-2023 में लिए गए थे। अभ्यर्थी लोकेश यादव की ओर से भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद, नई दिल्ली बोर्ड से जारी दसवीं की मार्कशीट दी। मार्कशीट की जांच की गई तो फर्जी पाई गई। जिस पर डाक विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

एसओजी एडीजी वीके सिंह ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद अभ्यर्थी लोकेश यादव निवासी भूपखेडा बहरोड जिला अलवर और उसके साथी विकास कुमार यादव व हितेश यादव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में फर्जी मार्कशीट सौरभ सिंह से 35 हजार रुपए में बनवाना बताया। टीम ने सौरभ सिंह को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश दी। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया। अब आरोपी पकड़ में आया है।

पूछताछ में सामने आया कि आरोपित हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश ईत्यादी राज्यों के बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनके द्वारा चाहे गये शैक्षणिक अंकतालिका, प्रमाण पत्र एवं सरकारी नौकरी में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के डिप्लोमा डिग्री अपने लैपटॉप मे कूटरचित तैयार कर विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थान के लोगो, क्यूआर कोड, गोल मोहर एवं सक्षम अधिकारी के स्केन किये गये हस्ताक्षर से जारी शुदा रंगीन प्रिंट निकालकर बेरोजगार युवाओं को आर्थिक प्रलोभन प्राप्त कर देता था।

उसके कब्जे से मिले विभिन्न अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज विभिन्न विश्वविद्यालयों के जारी शुदा शैक्षणिक दस्तावेज देखने से हुबहु संबंधित संस्थान से जारी होना प्रतीत होते थे। आपन सौरभ सिंह द्वारा बेरोजगार युवको से सम्पर्क साधने एवं पैसा लेने के लिये अपने साथियों के साथ एक गैंग बना रखी थी ।

जो बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेकर उनसे पैसा प्राप्त कर शैक्षणिक प्रमाण पत्र सौरभ सिंह से दिलवाते थे। आरोपित सौरभ सिंह के लैपटॉप, मोबाइल फोन एवं हार्डडिस्क मे भी सैकड़ों की संख्या में विभिन्न विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों के दस्तावेज मौजूद है। एसओजी की पूछताछ में और भी कई वारदातें खुलने की आशंका जताई जा रही है।

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