जयपुर। रविवार को शहर के प्रमुख मंदिरों में भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने उमड़े हजारों की संख्या में भाग लिया और ठाकुरजी की अन्नकूट प्रसादी ग्रहण की।
श्री सरस निकुंज में अन्नकूट महोत्सव
सुभाष चौक पांनो का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में रविवार को भव्य अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। यह महोत्सव अपने पारंपरिक स्वरूप और शुद्धता के लिए पूरे जयपुर में प्रसिद्ध है। पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुरजी को पद गायन से रिझाया गया। आयोजन दोपहर दो बजे से अपराह्न चार बजे तक संपन्न हुआ।
महोत्सव की तैयारी लगभग एक माह पहले ही शुरू कर दी गई थी। विभिन्न कृषि मंडियों से मोटे अनाजों के सैंपल मंगाकर उनका चयन किया गया। इसके बाद थोड़ी मात्रा में व्यंजन बनाकर स्वाद की जांच की गई। स्वाद और गुणवत्ता के आधार पर ही पर्याप्त मात्रा में अनाज मंगाए गए, जिन्हें खुले में धूप देकर धोकर कई दिनों तक सुखाया गया। विशेष रूप से देसी बाजरा कई गांवों से मंगाया गया।
इस अवसर पर ठाकुर श्री राधा सरस विहारी जी और पूर्ववर्ती आचार्य को मूंग, मोठ, चोला, चावल, बाजरा, मिक्स सब्जी, पूरी सहित विविध मोटे अनाजों से बने व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसके साथ ही सकरी-अनसकरी यानि कच्चे-पक्के व्यंजन तथा फलों का भोग भी परोसा गया। विशेष रूप से गजक, रेवड़ी जैसे शारदीय व्यंजन भी ठाकुर जी को अर्पित किए गए। श्रद्धालुओं को पंगत में बैठा कर प्रसादी ग्रहण कराई गई। सरस निकुंज परिसर को फूलों और बंदरवाल से सजाया गया।
अन्य मंदिरों में महोत्सव
लक्ष्मीनारायण मंदिर:
सूरजपोल गेट बाहर, लक्ष्मीनारायण पुरी स्थित मंदिर में शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक अन्नकूट महोत्सव संपन्न हुआ। रामानुजाचार्य स्वामी त्रिविक्रमाचार्य महाराज के सान्निध्य में ठाकुरजी का मंगलाशासन, भोग, आरती एवं अन्नकूट प्रसाद वितरण किया गया।
राधा कृष्ण शिव मंदिर-मुरलीपुरा:
दादी का फाटक मुरलीपुरा के विकास नगर स्थित मंदिर में दीपावली स्नेह मिलन समारोह एवं अन्नकूट महोत्सव शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक हुआ। मंदिर महंत श्यामसुंदर चतुर्वेदी के सान्निध्य में सभी विग्रहों को भोग लगाने और आरती के बाद श्रद्धालुओं को पंगत में प्रसादी दी गई।
श्री दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर:
हाथोज स्थित मंदिर में बालाजी के समक्ष चावल, मूंग, चौला, बाजरा सहित अनेक अनाजों से बने पारंपरिक व्यंजनों की झांकी सजाई गई। संगीतमय सुंदरकांड पाठ के बाद श्रद्धालुओं को अन्नकूट प्रसादी वितरित की गई।




















