जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में परिसर में 11वीं बार भक्तों को हस्तलिखित 100 अरब से अधिक राम महामंत्रों की परिक्रमा करने का सौभाग्य प्राप्त होने वाला है। राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा महोत्सव का आयोजन मंदिर परिसर में पहले भी किया जा चुका है।
राजधानी में सबसे पहले 2005 में यह आयोजन शुरू हुआ।
तब इसमें 17 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्र ही थे, जो अब बढ़कर 100 अरब राम नाम महामंत्र का संग्रह हो गया है। सत्संग भवन में श्रद्धालु राम नाम पुस्तिकाओं की परिक्रमा कर सकेंगे।
गोविंददेवजी मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि मार्गशीर्ष माह में प्रद्युम्न कुमार गोस्वामी की स्मृति में एक से दस दिसंबर तक राम नाम महामंत्र परिक्रमा महोत्सव का आयोजन किया जा जाता है।
एक दिन पहले ही राम नाम बैंक अजमेर की ओर से गोविंददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में अरबों हस्तलिखित राम नाम पुस्तिकाओं को रख दिया जाता है। प्रद्युम्न कुमार देवजी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मंदिर के सत्संग भवन में अरबों हस्तलिखित राम नाम परिक्रमा महोत्सव मनाया जा रहा है। गोस्वामी ने बताया कि आयोजन तिथि के अनुसार किया जाता है।
जयपुर में 11वीं बार होगा आयोजन
जयपुर में इस बार 11वीं बार राम नाम परिक्रमा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी में सबसे पहले 2005 में यह आयोजन शुरू हुआ। तब इस बैंक में 17 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्र ही थे, जो अब बढ़कर 100 अरब राम नाम महामंत्र का संग्रह हो गया है। जयपुर में पहला आयोजन 2005 में, दूसरा 2007 में, तीसरा 2012, चौथा 2017, पांचवां 2018, छठा 2019, 7वां 2021, आठवां 2022, 9वां 2023 दसवां 2024 में हुआ था। इसके अलावा अजमेर, उदयपुर, नाथद्वारा, भीलवाड़ा, झांसी, अहमदाबाद सहित अन्य शहरों में भी परिक्रमा महोत्सव का आयोजन हो चुका है।
1987 में हुई आयोन की शुरुआत
रामनवमीं पर साल 1987 में मानव मंगल सेवा न्यास, राम नाम धन संग्रह बैंक, अजमेर के सहयोग से यह आयोजन शुरू किया गया। संस्थापक बाल कृष्ण पुरोहित के अनुसार राम नाम धन संग्रह बैंक में 100 अरब से ज्यादा हस्तलिखित राम नाम महामंत्र संग्रह विद्यमान है। राम नाम लिखने वाले भक्तों द्वारा जमा पुस्तकों का रेकॉर्ड भी रखा जाता है। राम नाम धन संग्रह बैंक के देशभर में 60 हजार से अधिक स्थाई सदस्य हैं। इस बार राम नाम लिखने के लिए 20 हजार से अधिक पुस्तकें वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि हर सदस्य को 84 लाख बार राम नाम लिखने का संकल्प लेना होगा।




















