जयपुर। छह वर्ष की बेबी अलवीरा जब लगातार बुखार और कमजोरी की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुँची तो जांच में सामने आया कि वह एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) से पीड़ित है। आर्थिक तंगी के कारण परिवार इलाज नहीं करा सकता था। लेकिन डोनेट ए लाइफ़ प्रोजेक्ट के अंतर्गत उसे पूरी तरह मुफ्त उपचार मिला और आज वह पूर्णतः स्वस्थ होकर 10वीं के एग्जाम की तैयारी कर रही है। बेबी अलवीरा की तरह की राजस्थान के 168 बच्चे डोनेट ए लाइफ प्रोजेक्ट के तहत कैंसर मुक्त सामान्य जीवन जी रहे है।
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल की ओर से चल रही जन कल्याणकारी योजना डोनेट ए लाइफ 2014 में शुरू हुई। योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी बच्चे की जान सिर्फ पैसों की कमी की वजह से न जाए। बाल कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ शिवानी माथुर ने बताया कि बच्चों में होने वाले अधिकांश कैंसर ऐसे होते है जिन्हें समय पर उपचार देकर पूर्णतः ठीक किया जा सकता है। आधुनिक चिकित्सा से इन कैंसरों की रिकवरी दर काफी अच्छी हुई है।
हिमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ उपेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत बच्चों में होने वाले तीन प्रमुख ब्लड कैंसर एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया, एक्यूट प्रोमाइलोसाइटिक ल्यूकेमिया , और हॉजकिन्स लिम्फोमा का संपूर्ण इलाज निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना में उपचारित बच्चों में प्रति बच्चे लगभग पांच लाख का खर्च होता है जो आज भी कई परिवारों के लिए मुश्किल है। ऐसे में डोनेट ए लाइफ प्रोजेक्ट ने पिछले वर्षों में उल्लेखनीय प्रभाव दर्ज किया है।
चिकित्सालय के डायरेक्टर क्लिनिकल सर्विसेज डॉ. एस. जी. काबरा ने बताया कि जून 2025 तक 272 बच्चों को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है, जिनमें 168 बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 8 बच्चे वर्तमान में उपचाराधीन हैं और अच्छी प्रगति कर रहे हैं। इस पहल को सशक्त बनाने में सीएसआर योगदानों की अहम भूमिका रही है। चिकित्सालय की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिला कोठारी ने बताया कि हर बच्चा सिर्फ एक रोगी नहीं, बल्कि एक भविष्य है।
हमारा संकल्प है कि ठीक हो सकने वाले कैंसर से कोई भी बच्चा इलाज के वंचित ना रहे। इसी तरह चिकित्सालय में कुल नौ जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन विभिन्न योजनाओं के तहत बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों में कैंसर जांच एवं उपचार की निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।




















