नई दिल्ली। देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर राज्यसभा में चिंता जताई गई। सदन में विभिन्न दलों के सांसदों ने कहा कि प्रदूषण अब केवल पर्यावरण का नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार से ‘राष्ट्रीय स्वच्छ हवा मिशन’ शुरू करने की मांग की गई।
सांसदों ने कहा कि महानगरों के साथ-साथ छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्र भी प्रदूषण की चपेट में हैं। खराब वायु गुणवत्ता से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है। मौजूदा योजनाएं बिखरी हुई हैं, जबकि जरूरत एक समन्वित, समयबद्ध और सख्त राष्ट्रीय मिशन की है।
चर्चा के दौरान यह भी कहा गया कि स्वच्छ हवा को नागरिकों का मौलिक अधिकार माना जाए और केंद्र व राज्यों के बीच बेहतर तालमेल से ठोस कदम उठाए जाएं। सांसदों ने उद्योग, यातायात, निर्माण गतिविधियों और पराली जलाने जैसे कारणों पर सख्ती से नियंत्रण की मांग की।
सरकार की ओर से कहा गया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं और राज्यों के साथ मिलकर कार्ययोजनाएं लागू की जा रही हैं। हालांकि, सांसदों ने इन प्रयासों को और प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ हवा मिशन को औपचारिक रूप से लागू करने पर जोर दिया।
कांग्रेस के अशोक सिंह ने सभापति की अनुमति से उठाये जाने वाले मामलों के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि रार्ष्टीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारण लोगों के शरीर पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और उन्हें कैंसर जैसे गंभीर रोग हो रहे ।
उन्होंने कहा कि इस भीषण समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ हवा मिशन शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरित क्षेत्र और स्मोग टॉवर जैसे उपाय केवल कागजों पर नहीं रहे बल्कि ये वास्तविकता में काम करते दिखाई दें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूरे साल 365 दिन प्रदूषण की स्थिति की निगरानी की जाने की जरूरत है। सदस्य ने सुझाव दिया कि इसे राष्ट्रीय आपातकाल स्थिति के तरह माना जाना चाहिए और सभी राज्य सरकारों को केन्द्र सरकार के साथ मिलकर इससे निपटने की दिशा में काम करना चाहिए।
भाजपा की संगीता बलवंत ने दिल्ली गाजीपुर रेल लाइन पर रेलवे फाटकों से होने वाले जाम का मुद्दा उठाते हुए इन पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनवाने की मांग की। उन्होंने गाीजपुर सिटी से महु तक रेल लाइन परियोजना के बंद पड़े काम को फिर से शुरू करने की मांग की। आम आदमी पार्टी के राघव चढ्ढा ने बड़ी संख्या में सोशल मीडिया पर काम करने वाले कंटेंट क्रियेटरों को कॉपीराइट कानून से राहत दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कानून के स्पष्ट नहीं होने के कारण इनके चैनलों को ब्लाक कर दिया जाता है जिससे इनकी कई सालों की मेहतन बेकार हो जाती है। उन्होंने कापीराइट कानून में संशोधन की मांग की और कहा कि चैनल को ब्लाक करने से पहले यू ट्यूबर को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए।




















