जयपुर में बच्चों के लिए सैंटा बनीं सोना मोहापात्रा

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जयपुर । नन्हे कलाकार फेस्टिवल 2025 के दूसरे और अंतिम दिन का सबसे अहम संदेश मंच से तब सामने आया, जब देश की प्रतिष्ठित बॉलीवुड सिंगर सोना मोहापात्रा ने स्पेशली एबल्ड बच्चों के लिए अभ्युत्थानम वेलफेयर सोसाइटी का ऑनलाइन फंडरेज़िंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया और समाज से इस संवेदनशील पहल में जुड़ने की भावनात्मक अपील की।

अपने कॉन्सर्ट के मंच से सोना मोहपात्रा ने कहा, नन्हे कलाकार फेस्टिवल मेरे लिए सिर्फ़ एक परफॉर्मेंस प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक उद्देश्य से जुड़ा मंच है। स्पेशली एबल्ड बच्चों के लिए इस ऑनलाइन फंडरेज़िंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत करके हमें उम्मीद है कि समाज का हर वर्ग उनके सपनों को साकार करने में सहभागी बनेगा। जब कला करुणा के साथ जुड़ती है, तब बदलाव अपने आप जन्म लेता है। क्रिसमस के मौके पर सोना ने स्पेशली एबल्ड बच्चों के साथ समय गुज़ारा और उन्हें गिफ्ट्स बांटे।

इसी सामाजिक संकल्प के साथ अभ्युत्थानम फाउंडेशन द्वारा आयोजित नन्हे कलाकार फेस्टिवल 2025 का दूसरा दिन अनूठे संगीतमय प्रयोग के रूप में सफल रहा। फेस्टिवल में राजस्थानी लोक और बॉलीवुड म्यूज़िक का ज़बरदस्त फ्यूज़न देखने को मिला। सुरों की यह निरंतर बहती धारा दर्शकों को परंपरा से आधुनिकता तक की एक भावनात्मक यात्रा पर ले गई। आयोजन के दौरान एडीजी वीके सिंह, युवा मामलात एवं खेल विभाग के शासन सचिव नीरज के पवन और सीनियर आईएएस ओपी कसेरा आदि गणमान्य उपस्थित रहे।

अभ्युत्थानम वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव का समापन दिन न केवल मनोरंजन का उत्सव रहा, बल्कि स्पेशली एबल्ड बच्चों के लिए फंडरेज़िंग के उद्देश्य को नई ऊँचाई पर ले गया।

आयोजन के बारे में बात करते हुए अभ्युथानम वेलफेयर सोसाइटी के डायरेक्टर अनुज चांडक ने कहा, नन्हे कलाकार फेस्टिवल केवल दो दिनों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक सामाजिक आंदोलन है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस मंच को और व्यापक बनाया जाए, ताकि अधिक से अधिक कलाकार, परिवार और सामाजिक संस्थाएँ इससे जुड़ें और स्पेशली एबल्ड बच्चों के सशक्तिकरण की इस मुहिम को और मजबूती मिले।

फेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत दोपहर दिग्पाल राठौड़ की राजस्थानी फोक जेमिंग से हुई, जहां मांड, मांगणियार और लोक रागों की आत्मा ने पूरे माहौल को राजस्थान की मिट्टी की खुशबू से भर दिया।

इसके बाद मंच पर आए मशहूर सिंगर-सॉन्गराइटर राहगीर, जिन्होंने ‘कच्चा घड़ा’, ‘आई लव टू ट्रेवल’ और ‘फूलों की लाशों में’ जैसे सोलफुल गानों से राजस्थानी रंग, ज़मीनी सच्चाइयों और जीवन की संवेदनाओं को संगीत में पिरोकर दर्शकों से गहरा भावनात्मक रिश्ता बनाया।

शाम ढलते ही दिग्विजय सिंह जसाना के साथ आयोजित फोक रेव ने फेस्टिवल के माहौल को नई ऊर्जा से भर दिया। पारंपरिक लोक धुनों और मॉडर्न बीट्स के इस अनोखे मेल ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

रात का ग्रैंड फिनाले हुआ मशहूर बॉलीवुड सिंगर सोना मोहापात्रा के लाइव कॉन्सर्ट के साथ जहां उन्होंने अपने ‘जुगनी जी’, ‘बेदर्दी राजा’ और ‘सांवरियो घट माय’ जैसे एनर्जेटिक गानों के साथ माहौल को संगीतमय बना दिया।

पूरे दिन फेस्टिवल में चलने वाली 20+ आर्ट वर्कशॉप्स, क्रिएटिव एक्टिविटीज़, फैमिली ज़ोन और 80+ फूड व मर्चेंडाइज़ स्टॉल्स ने इस आयोजन को हर उम्र के दर्शकों के लिए एक परिपूर्ण अनुभव में बदल दिया।

फेस्टिवल के इस पांचवें संस्करण के थीम ‘हम सबका फेस्टिवल’ के साथ साबित कर दिया कि जब कला और करुणा एक मंच पर एक साथ आते हैं, तो वह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की सशक्त शुरुआत बन जाता है।

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