जयपुर । जयपुर कथक केंद्र द्वारा आयोजित समर कैंप का समापन केंद्र के सभागार में जयपुर कथक और विभिन्न कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया। कथा केंद्र द्वारा 15 में से 15 जून तक एक माह का जयपुर का शुद्ध कथक और राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण लगभग 50 से अधिक बच्चों को दिया गया ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांसद मंजू शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि समर कैंप का आयोजन बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में वृद्धि करता है ऐसे शिविरों के माध्यम से राजस्थान की कला और संस्कृति के बारे में बच्चे संस्कृत भी होते हैं और उन्हें राजस्थान के लोकगीत लोक संस्कृति और कथक नृत्य जैसे विधाओं के बारे में जानकारी मिलती है । कार्यक्रम में अपरा कुछल भी उपस्थित रही ।
कब तक केंद्र की सचिव सूची मिश्रा ने बताया कि कथक प्रशिक्षक चेतन जबरा के निर्देशन में गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई । घर मोरे परदेसिया पर सिमरन अग्रवाल और विदुषी ने अपनी शानदार प्रस्तुति से लोगों को मंत्र मुग्ध किया ।
छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत केसरिया बालम और चिरमी नृत्य वारी जाऊं चिरमी आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम में ठुमरी चुनरी सखी नहीं मानत श्याम में जयपुर घराने का शुद्ध कत्थक मैं अहमद परण लय-थाट थोड़ा चक्कर पयण ने दर्शकों को आनंदित किया । कार्यक्रम के अंत में कथक फ्यूजन मुरशिद खेलत है यारा होली रंग हैं उसका न्यारा की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में समा बांधा ।
समापन समारोह में 5 साल से 55 साल उम्र के लोगों ने प्रशिक्षण लिया । कार्यक्रम में संध्या, अन्वी, निष्ठा, श्रेया, कोशवी, इशाया, तन्वी, आरोही, अवया,वामाक्षी, विंध्य, प्रशांत, डॉ. के सपना, डॉ. कैलाश, डॉ. सोना गोयल, सनाया, वेदिका, पिनाकिनी, दिव्या और निधि ने अपनी सुंदर प्रस्तुति से कार्यक्रम को परवान चढ़ाया । कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में कथक चेतन कुमार जबड़ा, हारमोनियम एवं गायन हीरेंद्र भट्ट, सारंगी कमरुद्दीन, तबला मोहित चौहान पखावज और ढोलक पर पंकज ने शानदार संगत की । कार्यक्रम का संचालन प्रणय भारद्वाज ने किया और केंद्र की सचिव श्रुति मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में संस्कृति कर्मी और कथक कलाकार सहित भारी संख्या में दर्शक उपस्थित थे ।