जयपुर। गोविंद देवजी सहित कुछ मंदिरों को छोडक़र छोटीकाशी के अधिकांश मंदिरों की सेवा पूजा चंद्र ग्रहण के कारण प्रभावित हुई। अपराह्न चार बजे पूर्व ही ज्यादातर मंदिरों में सांयकालीन आरती की गई। खीर का भोग लगाया गया। इसके बाद मंदिर के पट मंगल कर दिए गए। घरों में भी अपराह्न चार बजे शाम की आरती कर पर्दा कर दिया गया। खाने-पीने की सामग्री में डाब डाली गई। सूतक के कारण ज्यादातर लोगों ने रात के भोजन से परहेज किया।
सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में ठाकुर श्री राधा सरस विहारी जू सरकार की शरद पूर्णिमा महोत्सव की विशेष झांकी ग्रहण के सूतक प्रारंभ होने से पूर्व ही सजाई गई। शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर जी को खीर का भोग लगाकर भाव स्वरूप मनोरथ को पूर्ण किया। महारास की पदावलियों के साथ बंशीजी की पदावलियों का गायन किया।
बंगाली समाज ने किया लक्ष्मी पूजन: राजधानी में निवास कर रहे बंगाली समाज के लोगों ने घर, मंदिर सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजन किया। काली पूजा समिति की ओर से मुरलीपुरा में लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया गया। सोवन गुप्ता ने बताया कि निशित काल में वेद मंत्रोच्चार के साथ कोजागिरी पूजा की गई। पश्चिम बंगाल के लोगों ने परिवार सहित पूजन कर आशीर्वाद मांगा। दुर्गाबाड़ी, सी स्कीम, वैशालीनगर, मानसरोवर सहित कॉलोनियों में भी बंगाली समाज ने भक्तिभाव से लक्ष्मी पूजन किया।