मुंबई के खारघर में शुरू हुआ अश्वमेध महायज्ञ

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जयपुर। मुंबई में स्थित खारघर में 240 एकड़ भूमि पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 1008 कुंडीय अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन बुधवार 21 फरवरी से शुरू हुआ , जो 25 फरवरी तक जारी रहेंगा। नवी मुंबई के खारघर में होने वाले इस पांच दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम गायत्री परिवार के प्रवक्ता परमानंद द्विवेदी के अनुसार इस महायज्ञ का आयोजन देव संस्कृति दिग्विजय अभियान के अंतर्गत सनातन संस्कृति के उत्थान एवं आध्यात्म जागरण के उद्देश्य से किया गया है। नवी मुंबई के खारघर में स्थित 240 एकड़ कार्पोरेशन पार्क मैदान में इस भव्य अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 1008 कुंड हवन के लिए तैयार किए गए है। बताया जा रहा है कि महायज्ञ की शुरूआत कलश यात्रा से की गई है।

इसके लिए पूरे मुंबई ,नवी और ठाणे क्षेत्र के 11 हजार घरों में कलश स्थापित कराए गए है। बुधवार 21 फरवरी को महिलाएं अपने –अपने परिवार के साथ ये कलश लेकर खारघर क्रिकेट ग्राउंड में एकत्रित हुई। पीले वस्त्रों में महिलाएं करीब पांच किलोमीटर की मंगल कलश यात्रा निकालते हुए यज्ञ भूमि पहुंची।

महापुरूष की निकाली झांकी , 20 हजार से अधिक लोग हुए शामिल

इस कलश यात्रा में करीब 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए, कलश यात्रा के साथ ही छत्रपति शिवाजी एवं संभाजी जैसे महापुरूषों की झांकियों को भी शामिल किया गया। 22 फरवरी गुरूवार सुबह से ही वैदिक कर्मकांड और एवं यज्ञ की शुरूआत की जाएगी। बताया जा रहा है कि प्रत्येक कुंड में तीन से चार जोड़े बैठकर गायत्री मंत्र ,महामृत्युंजय मंत्र ,ऋषि परंपरा जागरण के मंत्र ,पर्यावरण संरक्षण के मंत्र एवं राष्ट्र को सशक्त –समृद्व बनाने के मंत्रों पर आहुतियां अर्पित करेंगे।

पूर्ण प्रशिक्षित 30 महिलाएं ,30 पुरूष करेंगे मंत्रोच्चार

पांच दिवसीय चलने वाले अश्वमेध महायज्ञ का संचालन एवं मंत्रोच्चर पूर्ण प्रशिक्षित 30 महिलाओं एवं 30 पुरूषों द्वारा किया जाएगा। इस यज्ञ में 12 टन हवन सामग्री लगने का अनुमान है। इस हवन सामग्री में 32 प्रकार की जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाई गई है। इस प्रकार तैयार समिधा में किसी भी अन्न का प्रयोंग नहीं किया जाता एवं आहुतियां देशी गाय के घी से ही दी जाती है। परमानंद द्विवेदी ने बताया कि गायत्री परिवार के तमें ये 49वां अश्वमेध महायज्ञ है गायत्री परिवार के डॉ प्रणव पंड्या के नेतृत्व में इन महायज्ञों के जरिए ही भारतीय परिवारों एवं नई पीढ़ी में संस्कार जागरण का प्रयास भी कर रहा है।

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