कच्ची बस्ती मुक्त भारत की ओर बढ़ते कदम: भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी का अभियान दोनों दलों के लिए बना सर दर्द

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Bharat Jodo Mission Society's campaign became a headache for both the parties.
Bharat Jodo Mission Society's campaign became a headache for both the parties.

जयपुर। देश के महानगरों सहित प्रमुख शहरों में कच्ची बस्तियों को देखकर लगता था कि भारत मां के दामन में कभी नहीं मिटने वाले यह दाग हैं। लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब देश में कच्ची बस्तियां कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। जी हां भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के पदाधिकारी लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं और कच्ची बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को एकत्रित कर उनके व्यक्तिगत पहचान पत्र तथा अन्य दस्तावेज संधारित करने का कार्य तेजी से कर रहे हैं ताकि समुचित प्लानिंग के साथ कच्ची बस्ती में भी विकास की धारा बह सके और कच्ची बस्तियां अपना स्वरूप बदलकर अच्छी कॉलोनी का रूप ले सके।

भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के अध्यक्ष अनीष कुमार ने बताया कि भारत देश में अधिकतर कच्ची बस्तियां देश की आजादी के बाद से ही बसी हुई है और अफसोस की बात यह है कि कच्ची बस्ती के नागरिकों में शिक्षा के अभाव के चलते कच्ची बस्ती की आसपास की खाली भूमि पर तो बंगले बन गए और उन्हें पट्टे मिल गए लेकिन कच्ची बस्तियां वहीं की वहीं हैं। भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी की कार्य प्रणाली अब कच्ची बस्ती में रहने वाले नागरिकों के समझ में आने लगी हैं और हजारों की संख्या में लोग तेजी से भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के कच्ची बस्ती मुक्त भारत अभियान से जुड़ रहे हैं और वह दिन दूर नहीं है जब कच्ची बस्ती में भी पक्के मकान होंगे और अन्य कॉलोनी की तरह ही कच्ची बस्तियों का विकास संभव हो पाएगा।

ज्ञातव्य रहे की पेपर लीक में वर्तमान में हो रही कार्रवाई के पीछे भी अनीष कुमार की कार्य शैली तथा ईमानदारी ही रही हैं यही कारण है कि आज कच्ची बस्ती के नागरिक बड़ी तेजी से अनीष कुमार द्वारा शुरू किए गए कच्ची बस्ती मुक्त भारत अभियान से जुड़ते जा रहे हैं। विगत विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के बड़े नेताओं ने कच्ची बस्ती के नागरिकों के हित में किया जा रहे कार्यों में मदद करने का वादा किया था जिसके चलते अब भाजपा तथा कांग्रेस पार्टी एवं सभी प्रमुख राजनीतिक दल कच्ची बस्ती के नागरिकों के हित में अध्यादेश लाने की ओर अग्रसर हैं । क्योंकि सभी राजनीतिक दल अध्यादेश नहीं लाने पर भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी द्वारा घोषित आंदोलन से भयभीत हैं।

हाल ही में भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रेम कोली, रोड़ी देवी, मदीना, ग्यारसी, नंदू, शकूर, सीता , मीरा, मंगू, विक्रम गुजराती, अमित गुजराती, सावन कुमार, अशोक, शिव सिंह राठौड़, गोपाल मीणा, विक्रम गुर्जर, देवीलाल, गोगाराम, बद्री लांबा हरि सिंह, रंगलाल लांबा हरि सिंह, कालीबाई, सीमा बावरी, हेमा बावरी , रंगलाल देवलिया, किशन , रतन हमीरपुर, रतन, महावीर मालपुरा, कैलाश , नाथी देवी, राम सिंह मालपुरा, महावीर मालपुरा, बिरधा राम पचेवर, रामनारायण , बुद्ध लाल बूंदी, योगीराज अजमेर, पुखराज चित्तौड़गढ़, आदि लोगों के साथ लगभग 30 जिलों के पदाधिकारी शीघ्र ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा अन्य प्रमुख दल के नेताओं से मिल घुमंतू समाज तथा कच्ची बस्ती में रह रहे नागरिकों को पट्टे देने की दिशा में अध्यादेश लाने की मांग करेंगे।

भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी द्वारा पूछे गए सवाल कि कच्ची बस्तियों के आसपास रहने वाले लोगों के बड़े बंगलो और बड़े मकान के पट्टे मिल गए तो फिर कच्ची बस्तियों को पट्टे क्यों नहीं? इस सवाल का जवाब किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं के पास नहीं है।

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