जयपुर। पीजीआई चंडीगढ़ के एक 11 साल के ब्रेन डेड बच्चे ने अजमेर के मरीज़ को जो कि जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती है को लिवर दान कर नया जीवन दिया। दुर्लभजी अस्पताल की टीम ने रविवार देर शाम को चंडीगढ़ से लिवर प्राप्त कर जयपुर एयरपोर्ट से पुलिस प्रशासन की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनवाकर रात को लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी शुरू की।
11 साल का ओम नाम का बच्चा हरियाणा के कैथल का रहने वाला था और एक सड़क दुर्घटना के दौरान उसके दिमाग में गंभीर चोट आई थी। 1 सितंबर को जब बच्चा अपने स्कूल से लौट रहा था तो उसका एक्सीडेंट हो गया था। उसे पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। लेकिन मस्तिष्क की गंभीर चोटों के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका और 9 सितंबर को उसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया। बच्चे के माता-पिता को पीजीआई अस्पताल के परामर्शदाताओं द्वारा परामर्श दिया गया, जिन्होंने बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों को दान करने के लिए अपनी सहमति दी।
ताकि अन्य लोगों को नया जीवन मिल सके। हालांकि दिल और फेफड़े के क्षतिग्रस्त होने के कारण दान के लिए केवल कॉर्निया, किडनी और लिवर ही निकाला जा सका। लीवर को एसडीएम अस्पताल जयपुर में 42 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। जबकि पीजीआई चंडीगढ़ में लीवर निकाला जा रहा था। कॉर्निया और किडनी का उपयोग पीजीआई चंडीगढ़ में ही मरीजों के लिए किया गया।
एसडीएमएच की टीम दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरने से पहले नए हाईवे से 3.30 घंटे में दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे दिल्ली पहुंची। जहां पीजीआई के स्थानीय डॉक्टर लीवर निकाल रहे थे। एक बार जब लीवर जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंच गया तो पुलिस प्रशासन के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से पुलिस वैन द्वारा लाई गई अस्पताल की एम्बुलेंस से केवल आठ मिनट में एसडीएम अस्पताल पहुंच गया।