जयपुर। सत्रह जुलाई को देवशयनी एकादशी है और पन्द्रह जुलाई से ही चातुर्मास शुरू हो जाएगा। लेकिन सत्रह जुलाई देवशयनी एकादशी के बाद से शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं होगें। शुभ कार्य के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। इन दिनों भक्ति करनी चाहिए।
अपने इष्ट देव के मंत्रों का जप करें। विष्णु जी, शिव जी, श्री कृष्ण आदि भगवानों के ग्रंथों का पाठ करें। वहीं शुभ कार्य दीपावली के त्योहार के बाद 12 नवंबर को हरिप्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी से फिर से शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।




















