जयपुर। राजस्थान पुलिस ने इंडिया पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) के मार्गदर्शन में एक महत्वाकांक्षी जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। जिसका उद्देश्य कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को पुलिस के व्यापक उत्तरदायित्वों और सामुदायिक सुरक्षा में उनकी भूमिका के बारे में शिक्षित करना है।
पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कम्यूनिटी पुलिसिंग लता मनोज कुमार के निर्देशन में मुख्य प्रबन्धक आईपीएफ पूनम अरोड़ा और सेवानिवृत्त आईपीएस विमला मेहरा के नेतृत्व में यह कार्यक्रम जयपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के दो चयनित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों लक्ष्मण डॅूगरी (गलतागेट) और एसकेएन विद्यालय जोबनेर में शुरू हुआ।
कम्यूनिटी पुलिसिंग के नोडल अधिकारी (आईपीएस) पंकज चौधरी ने इस पहल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा, अपराध रोकथाम, और सामुदायिक कल्याण में पुलिस अधिकारियों की बहुमुखी भूमिकाओं के प्रति जागरूकता और समझ को बढ़ाना है। इसका लक्ष्य देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और कमजोर वर्गों जैसे महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना भी है।
चौधरी ने बताया कि ये विशेष कार्यशालाएं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लक्ष्मण डूंगरी में 10 से 12 नवंबर तक और एस.के.एन. विद्यालय, जोबनेर में 13 से 15 नवंबर तक आयोजित की जा रही हैं।
इन कार्यशालाओं की विशिष्टता यह है कि यहाँ छात्रों को देश के जाने-माने सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारियों से सीखने का अवसर मिल रहा है। गेस्ट फैकल्टी में सेवानिवृत्त डीजीपी ओमप्रकाश और अमोद कंठ न्याय एवं किशोर गृह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त यूनिसेफ राजस्थान के प्रतिनिधि बाल अधिकार अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) साइबर सुरक्षा और यातायात नियमों और एसएफएल जयपुर के प्रतिनिधि फोरेंसिक विज्ञान के महत्व पर व्याख्यान दे रहे हैं। नगर निगम और एसडीआरएफ के प्रतिनिधि अग्निशमन एवं आपदा प्रबंधन पर भी छात्रों को जागरूक कर रहे हैं।
इस पूरे कार्यक्रम का निकट पर्यवेक्षण कम्युनिटी पुलिसिंग नोडल अधिकारी पंकज चौधरी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कालूराम मीना, नरेश कुमार शर्मा व संजय कुमार शर्मा द्वारा किया जा रहा है। सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ, छात्रों को पुलिस थाने और अग्निशमन केंद्र का प्रत्यक्ष भ्रमण भी कराया जाएगा, जिससे उन्हें इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली को करीब से जानने का मौका मिलेगा और पुलिस के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा।




















