जयपुर। कांग्रेस और यूथ कांग्रेस के बैंक खाते आयकर विभाग की ओर से फ्रीज करने की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों पर स्थित आयकर विभाग के कार्यालयों के बाहर नारेबाजी कर आक्रोश जताया। वहीं जयपुर में कांग्रेस नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता पीसीसी वॉर रूम पर इकट्ठा हुए। वहां से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पैदल मार्च निकाला। यहां से कांग्रेस का पैदल मार्च स्टैच्यू सर्किल पहुंचा। जहां पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स पर चढ़कर प्रदर्शन किया।
बैरिकेडिंग पार कर कुछ नेता आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें फिर रोकने का प्रयास किया। इस पर विधायक और पूर्व मंत्री सहित पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां भी दी। जयपुर में हुए प्रदर्शन में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक अमीन कागजी, रफीक खान, प्रशांत शर्मा, शिखा मील बराला, अभिमन्यु पूनिया के अलावा प्रदेश महासचिव जसवंत गुर्जर, आरआर तिवाड़ी, अनिल चैपड़ा सहित कई लोग शामिल हुए। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली प्रदर्शन में नहीं आए।
इस दौरान पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस को खत्म करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस खत्म होने वाली नहीं हैं। बीजेपी जितना टकराव पैदा करेगी, कांग्रेस उतना उभरकर सामने आएगी। प्रताप सिंह ने कहा कि अब भाजपा का झूठ, फरेब और धोखा नहीं चलेगा। राजस्थान और केंद्र में जबरदस्त भ्रष्टाचार है। भाजपा हिंदू-मुसलमान को लड़ाकर वोट लेना चाहती है। जो कांग्रेस का नेता मौके की नजाकत से डर जाता है। लोकतंत्र में विपरीत परिस्थितियां आती हैं, लेकिन हर रात के बाद सुबह होता है। जो रात के अंधेरे से लड़ते हैं, उन्हीं को उजाले नसीब होते हैं। अब भाजपा की दादागिरी नहीं चलेगी। कांग्रेस डरने वाली नहीं है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या से भी कांग्रेस डरी नहीं। कांग्रेस डरती नहीं लड़ती है और हर बलिदान के लिए तैयार रहती है। प्रदर्शन के दौरान विधायक रफीक खान ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है। जिस कारणों से खाते सीज किए गए हैं। उन कारणों पर जाएंगे तो देश के बड़े काॉर्पोरेट घरानों के खाते सीज हो जाएंगे। पॉलिटिकल पार्टियों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है।