मुबंई अश्वमेध महायज्ञ से लौटे जयपुर के समयदानी

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Dani returned from Mumbai Ashwamedha Mahayagya at the time of Jaipur.
Dani returned from Mumbai Ashwamedha Mahayagya at the time of Jaipur.

जयपुर। मायानगरी मुंबई में गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में राष्ट्र को सक्षम, समर्थ एवं समृद्ध बनाने के लिए 21 से 25 फरवरी तक संपन्न हुए 47वें अश्वमेध महायज्ञ में सक्रिय भागीदारी कर राजधानी जयपुर के समयदानी कार्यकर्ताओं के कई दल सोमवार को लौट आए। शांतिकुंज हरिद्वार में गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी जयसिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को भावभीनी विदाई दी। उन्होंने अश्वमेध महायज्ञ में मिले गुरु सत्ता के ज्ञान प्रसाद को जन-जन तक पहुंचाने और गांव-ढाणी को गायत्री मय बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह महायज्ञ का समापन नहीं वरन् 2026 में मनाए जाने वाले अखंड ज्योति और गायत्री परिवार की संस्थापिका भगवती देवी माताजी के जन्म शताब्दी समारोह की शुरुआत है जो कि युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार में इससे भी बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।

गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल की अगुवाई में राजधानी से करीब पांच सौ समयदानी कार्यकर्ताओं ने मुंबई अश्वमेध महायज्ञ में भोजन वितरण, जल-बिजली सहित अन्य कार्यों में उल्लेखनीय सेवाएं दीं। कई कार्यकर्ताओं ने पंद्रह दिन से एक माह तक का समयदान दिया। मुंबई में निवास कर रहे जयपुर के लोगों ने भी महायज्ञ में भागीदारी की। राष्ट्र को समर्थ बनाने के लिए हुए इस महायज्ञ में अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम सहित 50 देशों के करीब पांच लाख लोगों की भागीदारी रही। एक लाख पौधे लगाने और नशा मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ महायज्ञ की पूर्णाहूति हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के गायत्री परिवार के इस आयोजन की सराहना की।

प्रसाद रूप में बंटेगी यज्ञ भस्म:

यज्ञ में शामिल हुए लोग सैंकड़ों वर्षों से जल रही अखंड ज्योति से किए गए अश्वमेध महायज्ञ की भस्म जयपुर लेकर आए हैं। यह भस्म आगामी रविवार को होने वाले गृहे-गृहे यज्ञ के दौरान प्रसाद स्वरूप वितरित की जाएगी। देसी नस्ल के गाय, गोकाष्ठ, वनौषधियों से किए गए हवन की भस्म को धार्मिक मान्यता के चलते बहुत पवित्र माना जाता है।

सर्वत्र बिखेरेंगे विचार क्रांति के बीज:

मुंबई महायज्ञ में बीस भाषाओं में गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित 3200 विषयों पर लिखित पुस्तकों की विशाल प्रदर्शनी लगाई गई थीं। सभी पुस्तकें ज्ञान प्रसाद के रूप में आधे मूल्य पर उपलब्ध कराई गई। सभी लोग पुस्तकें लेकर आए हैं। विचार क्रांति के बीज के रूप में ये पुस्तकें लोगों को निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।

बोले कार्यकर्ता बहुत कुछ सीखने को मिला:

गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि मुंबई अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या, शैलबाला पंड्या और अश्वमेध महायज्ञ के दल नायक डॉ चिन्मय पंड्या के प्रेरक उद्बोधन से जीवन को समझने की एक नई दृष्टि मिली है। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी ने कहा कि मुंबई अश्वमेध महायज्ञ में प्रोफेशनल इंजीनियर, आर्किटेक्ट से लेकर सामान्य व्यक्ति ने सेवाएं देकर सफल बनाया। वहां बहुत कुछ सीखने को मिला। सभी भोजनालय में भोजन केले के छिलके से तैयार पर्यावरण अनुकूल प्लेट में परोसा गया। ये प्लेट कुछ दिनों बाद स्वत: ही खाद में तब्दील हो जाती है। नहाने और हाथ धोने के पानी जल अवशोषी गड्ढ़ों में डाला जा रहा था।

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