जयपुर। पूरे भारत में नवरात्रि का त्योहार बेहद खास माना जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के 9 रूपों की पूजा की जाती है, इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होने जा रही है। जिसका समापन 24 अक्टूबर को होगा और दसवे दिन दशहरा मनाया जाएगा। बताया जाता है कि सारी शक्तियां नारी स्वरूप के पास ही है। इसलिए इसे शक्ति के रूप में भी पूजा जाता है। नवरात्रों में नौ देवी की पूजा की जाती है। जिसमें स्वभाव और भोग भी अलग है। इसलिए नौ दिनों तक नौ देवीओं को अलग-अलग भोग लगाने की मान्यता है।मान्यता है कि विधि विधान और प्रतिदिन हर देवी को अलग-अलग भोग लगाने से माता प्रसन्न होती है और सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
पहला दिन
नवरात्रा के शुरूआत मे मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा -अर्चना करने का विधान है। इसलिए इन्हे गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। इससे माता प्रसन्न होकर मन चाहा आशीर्वाद प्रधान करती है।
दूसरे दिन
नवरात्रा के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इसदिन माता को चीनी,पंचामृत का प्रसाद अधिक प्रिय है। इस दिन माता को उनकी पंसद का भोग लगाने से भक्त की आयु में वृद्धि होती है।
तीसरे दिन
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माता चंद्रघंटा की पूजा करने के बाद उन्हे दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए । इससे मानसिक ,शारीरिक व आर्थिक कष्टो से छुटकारा मिलता है।
चौथा दिन
नवरात्रे के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा को मालपुए का नैवेद्य अर्पित करना चाहिए । इससे बुद्धि का विकास होता है।
पांचवा दिन
पांचवे दिन माता दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता को केला चढ़ाने से वो प्रसन्न होती है और उत्तम स्वास्थ्य का वरदान देती है और ऐसा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
छठा दिन
इस दिन माता कात्यायनी की पूजा की करने का विधान है । इस दिन माता को शहद और मीठे पान का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।
सातवां दिन
सातवें दिन में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इनकी पूजा में गुड से बनी वस्तु का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
आठवां दिन
नवरात्रे के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन मांता महागौरी को नारियल का भोग अर्पण किया जाता है।जिससे धन लाभ और संतान की प्राप्ति होती है।
नौवां दिन
नवरात्रे की महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां को चना ,खीर,पूडी,हलवे का प्रसाद अर्पण किया जाता है। जिसके बाद नौ कन्या का पूजन कर उन्हे भोजन कराया जाता है। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है।