जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा गुरुवार को संसद में प्रस्तुत केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट को दिशाहीन एवं निराशाजनक बताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के विगत 10 वर्षों के महिमा मण्डन के अतिरिक्त इस बजट में कुछ भी नया नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने अपने बजट भाषण में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा तो किया है परन्तु यह स्पष्ट नहीं किया कि यदि यह आंकड़ा 25 करोड़ है तो इसमें यूपीए सरकार के समय के 14 करोड़ गरीब भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है, करीब 8 करोड़ लोगों द्वारा आयकर रिर्टन भरना दिखा रही है, जो मध्यम और उच्च वर्ग के है। ऐसी स्थिति में किन लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है, यह यक्ष प्रश्न है।
पायलट ने कहा कि आयुष्मान भारत का दायरा खाद्य सुरक्षा से बढ़ाकर यूनिवर्सल करने की कांग्रेस की मांग को इस अंतरिम बजट में अनदेखा कर आम नागरिकों के स्वास्थ्य की अनदेखी की गई है। पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी कम नहीं करना, मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में छूट नहीं देना, किसानों को राहत देने की कोई ठोस घोषणा नहीं करना भाजपा सरकार की जनविरोधी नीति का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जीडीपी को लेकर सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा ले परन्तु जब तक जीडीपी और रोजगार का रिश्ता नहीं बनेगा तब तक बेरोजगारी पर नियंत्रण किया जाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि मंहगाई, बेरोजगार, कम कृषि पैदावार जैसे मुद्दों को अंतरिम बजट में शामिल नहीं करने से गरीबों, युवाओं, किसानों को घोर निराशा हुई है।
वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2014 की वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र प्रस्तुत करने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए, दस साल बाद राजनैतिक उद्देश्य से भाजपा सरकार कुछ भी करें परन्तु देश का युवा रोजगार नहीं मिलने से, किसान अपनी आमदनी खर्च के अनुपात में नहीं बढ़ने से और लघु, मध्यम उद्योग गिरती आर्थिक हालत से परेशान है।