पुलिस मुख्यालय में बिना ऑपरेशन इलाज की आधुनिक तकनीकों पर मंथन

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Discussions were held at the police headquarters on modern techniques for non-surgical treatment.
Discussions were held at the police headquarters on modern techniques for non-surgical treatment.

जयपुर। पुलिस मुख्यालय में मंगलवार का दिन वर्दीधारियों की सेहत और सुरक्षा के नाम रहा। समाज की सुरक्षा में दिन-रात मुस्तैद रहने वाले पुलिसकर्मियों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता वार्ता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की उन तकनीकों पर चर्चा की गई, जो व्यस्त दिनचर्या वाले पुलिसकर्मियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।

बिना चीरा-फाड़ी के इलाज

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एटर्नल हॉस्पिटल के वरिष्ठ इंटरवेंशनल रेडियोग्राफी विशेषज्ञ डॉ. अनुराग गुप्ता ने पुलिसकर्मियों के सामने चिकित्सा जगत की बदलती तस्वीर पेश की। उन्होंने इंटरवेंशनल रेडियोग्राफी की बारीकियों को समझाते हुए बताया कि अब विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि बड़े और जटिल ऑपरेशनों की जरूरत कम होती जा रही है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि आज अनेक गंभीर रोगों का इलाज बिना किसी बड़े ऑपरेशन के सुरक्षित और बेहद प्रभावी तरीके से संभव है, जिससे मरीज की रिकवरी बहुत तेजी से होती है।

पुलिस की कठिन ड्यूटी और वैरिकोज वेन्स का खतरा

डॉ. गुप्ता ने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी से जुड़ी चुनौतियों को केंद्र में रखते हुए वैरिकोज़ वेन्स (पैरों की नसों का फूलना) जैसी समस्या पर विशेष जोर दिया। उन्होंने समझाया कि घंटों एक ही जगह खड़े रहने, अनियमित खान-पान और अत्यधिक कार्यभार के चलते पुलिसकर्मियों में यह समस्या आम होती जा रही है। इसके अलावा उन्होंने प्रोस्टेट संबंधी विकार और कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और समय रहते इलाज कराने के महत्व को रेखांकित किया।

स्वस्थ पुलिसकर्मी ही समाज की ढाल: एडीजी प्रशाखा माथुर

कार्यक्रम का शुभारंभ एडीजी आयोजना एवं कल्याण प्रशाखा माथुर ने किया। उन्होंने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए विभाग की मंशा स्पष्ट की। एडीजी माथुर ने कहा कि एक पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी तभी पूरी मुस्तैदी से निभा सकता है, जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम न केवल हमारे जवानों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शंकाओं का हुआ वैज्ञानिक समाधान

कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अपनी निजी स्वास्थ्य समस्याओं और भ्रांतियों को लेकर डॉ. गुप्ता से कई सवाल पूछे। विशेषज्ञ ने बड़े ही सरल शब्दों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया, जिससे हॉल में मौजूद हर शख्स लाभान्वित हुआ।

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