जयपुर। जयपुर खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल द्वारा पेपर लीक से जुड़े मामलो में एसआईटी के गठन करके हुई जांच से जुड़े सवाल पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। बेनीवाल के मूल सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया की राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2021, सीएचओ भर्ती 2020,वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022, रीट भर्ती परीक्षा 2021 व हाईकोर्ट लिपिक भर्ती परीक्षा 2020,कनिष्ठ अभियता डिग्री भर्ती परीक्षा 2020 को सरकार द्वारा गठित एसआईटी के जांच के दायरे में लिया गया है।
बेनीवाल के पूरक सवालों पर मंत्री का गोलमाल जवाब ,सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हनुमान
विधायक हनुमान बेनीवाल ने एसआईटी जांच के दायरे में ली गई भर्तियो की जांच सीबीआई से करवाने की मांग रखी लेकिन मंत्री खींवसर ने स्टेट की एजेंसियों से चल रही जांच का ही जिक्र करते रहे।
बेनीवाल के इन सवालों पर भी मंत्री की चुपी,सरकार पर बड़ा सवालिया निशान
विधायक हनुमान बेनीवाल ने सरकार से एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में आरबीएसई के पूर्व और बर्खास्त अध्यक्ष जारोली,राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष,अधीनस्थ बोर्ड के अध्यक्ष,पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय में रहे नजदीकी अफसरों और आला ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व मंत्री जिन पर भाजपा नेताओं ने ही आरोप लगाए थे। उनसे पूछताछ को लेकर जानकारी चाही मगर सरकार जवाब नही दे सकी , उसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ।
आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ पर सवालिया निशान विधायक हनुमान बेनीवाल ने 18 दिसंबर 2021 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक चेयरमैन द्वारा यूनेस्को ग्लोबल धरोहर के संदर्भ में किए गए ट्वीट का जिक्र सदन में किया और कहा इस ट्वीट के कुछ दिनो बाद आयोजित हुई आरएएस मुख्य परीक्षा में वो ही सवाल पूछ लिया गया जो ट्वीट शिवसिंह ने किया ऐसे में बेनीवाल ने आरएएस 2018 व 2021 की मुख्य परीक्षा की जांच भी सीबीआई से करवाने की मांग रखी मगर सरकार चुप रही।
सवाल के बाद मीडिया के जरिए सरकार पर तीखे प्रहार किए बेनीवाल ने
बेनीवाल ने सवाल के बाद सदन के बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विपक्ष में रहते हुए पेपर लीक से संबंधित भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई से करवाने ने की मांग की मगर सरकार ने एसआईटी गठित करके मामले में लीपापोती करने का प्रयास किया। बेनीवाल ने कहा पेपर लीक के मामले में सरकार के जवाब से ऐसा लगा की कांग्रेस और भाजपा दोनों इस मुद्दे पर एक है और युवा हितों के साथ कुठाराघात कर रहे है।