जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सट्टे से जुड़े महादेव बैटिंग ऐप ऑपरेट करने वालों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसमें जयपुर के ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर छापे के दौरान ईडी को कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें संपत्तियों के लिंक हैं। ईडी का दावा है कि ब्लैक मनी दूसरे देशों की कम्पनी में लगाकर फिर वो ही राशि खुद से जुड़ी कंपनी में निवेश का खेल चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को ईडी ने महादेव बैटिंग ऐप के देश भर (जयपुर, रायपुर, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई ) में 60 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी ने 3.29 करोड़ रुपए नगद रिकवर किए। इन्हें ईडी ने सीज कर दिया है। वहीं 573 करोड़ रुपए की सिक्योरिटी,डीमेट अकाउंट में रखा पैसा भी सीजर कर दिया गया हैं। इस दौरान ईडी को जयपुर के एप्पल अपार्टमेंट में 503 नंबर के फ्लैट से फर्जी फर्म और कंपनी में निवेश के दस्तावेज मिले थे। इन्हें भी ईडी ने आगे की कार्रवाई के लिए सीज कर दिया है।
इस छापेमारी को लेकर ईडी ने बताया कि सभी पॉइंट से जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों को 3.29 करोड़ रुपए की राशि नगद मिली। इसे सीज कर दिया गया है। वहीं, 573 करोड़ रुपए की सिक्योरिटी, डीमेट अकाउंट की जानकारी मिली है। इसे भी सीज कर दिया गया है।
जानकारी में सामने आया है कि भले ही कार्रवाई का मुख्य केंद्र छत्तीसगढ़ रहा। लेकिन जयपुर के कई बड़े व्यापारी इस ऐप के साथ कई समय से जुड़ कर काम कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान जो दस्तावेज ईडी को मिले हैं। उन पर काम किया जा रहा हैं। राजस्थान के कई बड़े व्यापारी इस ऐप से लिंक है।
ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर छापे में कागज मिले
सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी के ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर छापे के दौरान ईडी को कई दस्तावेज मिले। इसमें विकास इंफोटेक सहित कई संपत्तियों के लिंक मिले। इन पर ईडी की टीम काम कर रही हैं। ईडी का दावा है कि ब्लैक मनी दूसरे देशों की कम्पनी में लगाकर करके फिर वो ही राशि खुद से जुड़ी कंपनी में निवेश का खेल चलाया जा रहा है। ऐसी करीब दो दर्जन से अधिक कम्पनियों के दस्तावेज ईडी को मिले हैं, जिन पर काम किया जा रहा हैं।
महादेव बुक अवैध रूप से करता करोड़ों का लेन-देन
महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। यह ऐप और वेबसाइट के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेन-देन करता है और क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाता है। इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी और कई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। ज्ञात रहे कि छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के इंजीनियर से हो गई। रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था।
रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। इसके बाद नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने रवि को भी दुबई बुला लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया।
इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया। सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।