जवाहर कला केंद्र में जूनियर समर कैंप: थिएटर क्लास में शहनशाह-ए-खबरी और राजकुमार खबरी की एंट्री

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Entry of Shahenshah-e-Khabari and Rajkumar Khabari in the theatre class
Entry of Shahenshah-e-Khabari and Rajkumar Khabari in the theatre class

जयपुर। जवाहर कला केंद्र में आयोजित जूनियर समर कैम्प में बच्चों की प्रतिभा नाट्य कला के मंच पर दमक रही है। खेल खेल में बच्चों को रंगमंच के सबक सिखाने और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बनाये रखने के लिए भी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इससे रचनात्मक विधाओं से प्रतिभागी नई ऊर्जा और कल्पनाशक्ति के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। शनिवार को मध्यवर्ती के मंच पर बच्चों का परिचय शहनशाह-ए-खबरी और राजकुमार खबरी से कराया गया। यह अवार्ड उस समूह को दिया जाएगा जिसका न्यूजलेटर, प्रेजेंटेशन, डिज़ाइन और कंटेंट में सर्वश्रेष्ठ होगा।

दरअसल कैंप में प्रत्येक वर्ष बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए शहनशाह-ए-खबरी अवार्ड दिया जाता रहा है लेकिन इस बार राजकुमार खबरी अवार्ड भी इसमें शामिल किया गया जिससे यदि कतार में दो उत्कृष्ट समूह हों तो यह उन्हें दिया जा सके।

इस मौके पर केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने कहा कि नाट्य कला एक ऐसी विधा है जिसमें भाग लेने से न सिर्फ बच्चों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है बल्कि उनका व्यक्तित्व भी निखरता है।

थिएटर क्लास में प्रतिभागियों को आयु वर्ग के अनुसार नौ समूहों में बांटा गया

चैटर बॉक्स, छोटे प्यादे, कॉपीराइट, करेक्शन टेप, टेढ़े-मेढ़े, फुलस्टॉप, मीठा करेला, ग्यारह बटा दस और आपातकालीन नाम से थिएटर के प्रतिभागियों को विभाजित किया गया है। हर समूह अपनी समझ और रचनात्मकता के अनुसार दैनिक न्यूजलेटर तैयार कर रहा है और फिर मंच पर प्रस्तुत करता है। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति को रविवार को ‘शहनशाह-ए-खबरी’ और ‘राजकुमार खबरी’ जैसे रोचक टाइटल देकर सम्मानित किया जाएगा।

रविवार को ट्रेज़र हंट में बच्चे सीखेंगे टीमवर्क और धैर्य

प्रशिक्षकों का कहना है कि बच्चों की कैचिंग पावर शानदार है और वे बेहद कम समय में स्टेज फियर, वाकशैली, मंच अनुशासन और टीमवर्क जैसे गुण सीख रहे हैं। इसके लिए रविवार को विशेष गतिविधि ‘ट्रेज़र हंट’ का आयोजन होगा, जिसमें बच्चे पूरे जेकेके परिसर में छिपी ही चिट्स की मदद से एक विशेष पेंटिंग का ताला खोलने की चाबी ढूंढ़ेंगे। इस खेल के माध्यम से बच्चों में टीमवर्क, अवेयरनेस और समस्या समाधान की क्षमता मज़बूत होगी और वे केंद्र परिसर को और भी अच्छे से जान पाएंगे।

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