July 27, 2024, 7:47 am
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एसआई भर्ती में 400 अभ्यार्थियों का हुआ फर्जी चयन, आरएएस-2018, 2021 में भी फर्जीवाड़ा : किरोडी लाल मीणा

जयपुर। एसआई भर्ती 2021 में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अब भर्ती में करीब 400 अभ्य​​र्थियों का फर्जी चयन होने का दावा करते हुए एसओजी को सबूत पेश किए हैं। मीणा ने इसी के साथ आरएएस-2018 और 2021 में भी अभ्य​​र्थियों का फर्जी चयन होने का दावा करते हुए सबूत पेश कर जांच की मांग उठाई है। उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में करीबन 859 पदों की भर्ती पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने निकाली। मै इस भर्ती परीक्षा को लेकर पूर्व में भी बडे स्तर पर फर्जीवाडे का खुलासा कर चुका हूँ।

इस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाडे को लेकर करीबन एक दर्जन FIR दर्ज हुई है परन्तु कोई कार्यवाही नहीं कि बल्कि सरकार मुलजिमों द्वारा दर्ज कई FIR में पुलिस ने F.R लगा दी। मीणा ने कहा है कि उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में करीबन 859 पदों पर चयनित होकर वर्तमान में आरपीए/किशनगढ में ट्रेनिंग कर रहे हैं। इनमें करीबन 300-400 अभ्यर्थियों का फर्जी चयन हुआ है। चयनित अभ्यार्थियों ने जिस सेन्टर पर परीक्षा दी, उस परीक्षा सेन्टर की अगर विडियोग्राफी /कॉल लेटर (आरपीएससी से) निकाली जाए तो आरपीए/किशनगढ में चयनित अभ्यार्थियों के चेहरों से मिलान हो जाएगा और सैकडों अभ्यर्थी फर्जी मिलेंगे।

किरोड़ी लाल ने कहा है कि एक चयनित लड़की का साक्षात्कार देखा, जिसमें वो देश के राष्ट्रपति का नाम नही बता पा रही थी। उसकी जगह भी अन्य लडकी ने बैठकर परीक्षा दी थी। अगर चयनित अभ्यर्थियों की गहनता से जांच की जाएं तो करीबन 300 अभ्यर्थी फर्जी निकलेंगे। मीणा ने कहा है कि इस परीक्षा में मूल आवेदन जहां फीमेल हैं, वहां सेन्टर पर एक मेल अभ्यर्थी ने परीक्षा दी, ऐसे भी उदाहरण भी जांच के बाद सामने आयेंगे। उन्होंने कहा है कि जालौर जिले से सैकडों अभ्यार्थियों का चयन होना भी फर्जीवाड़े की ओर इंगित करता है। मीणा ने कहा है कि एसआई टॉपर नरेश खिलेरी का पेपर लीक माफिया के संबंध को पहले भी खुलासा कर चुका हूं। कांग्रेस सरकार ने अनदेखी कर दी, भाजपा सरकार में वह पकड़ा गया।

आरएएस -2018 : चहेते प्रोफ़ेसर को कॉर्डिनेटर बनवाकर एक बड़ा घपला किया

मीणा ने आरएएस -2018 और 2021 भर्ती की भी जांच की मांग उठाई है। मीणा ने कहा है कि इसके खुलासे पहले भी कर चुका हूं। उन्होंने कहा कि 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर में केमरे बंद कर उत्तर पुस्तिका की जांच की गई थी। आरपीएससी के सदस्य शिव सिंह राठौड ने अपने चहेते प्रोफ़ेसर को कॉर्डिनेटर बनवाकर एक बड़ा घपला किया। इसमें तत्कालीन सरकार के नेताओँ के रिश्तेदारों को अच्छे अंक दिलवाए ग्ए। किरोड़ी ने कहा कि एक अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका को मीडिया के सामने उजागर किया था कि इनकी उत्तर पुस्तिका को जांचने के दौरान प्रोफ़ेसर की ओर से NA यानी नॉट अटेम्प्ट लिखा गया और शून्य अंक भी चढ़ाए गए, लेकिन इस अभ्यर्थी का परिणाम आने के बाद अंक कम आने के कारण मेरिट में नीचे रह गया।

उसी दौरान शिव सिंह राठौड़ भी सरकार की मेहरबानी से कार्यवाहक अध्यक्ष बन गया, इसका फ़ायदा उठाकर इस अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका जिन प्रश्न को छोड़ा गया यानी शून्य अंक आए उन्हें लिखाया गया और कोर्ट की शरण में जाकर अभ्यर्थी इस उत्तर पुस्तिका को दुबारा चेक कराने में सफल रहा। जबकि आरपीएससी हर फैसले के ख़िलाफ अपर न्यायालय में जाता है, पर इस मामले में वर्तमान अध्यक्ष ने रियायत रखी इसी अभ्यर्थी की फोर्थ पेपर को उत्तर पुस्तिका भी किरोड़ी लाल ने उजागर की और बताया कि इसमें परीक्षकों ने रिकॉर्ड तोड़ अंक 145 दिए गए। इस उत्तर पुस्तिका को जब एसआईटी के वीके सिंह ने देखा तो बो भी अचरज में रह गए। इस पर किरोड़ी लाल ने कहा कि ये तो एक उदारण है, इस प्रकार के घपले 2018 की आरएएस मुख्य परीक्षा जांचने में बड़े स्तर पर किए गये हैं। किरोड़ी लाल ने आरएएस 2021 को लेकर भी खुलासे किए। उन्होंने कहा की 2021 की परीक्षा को जल्दबाजी में कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। , प्री-परीक्षा विवादों में रही, जिसको लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट तक परंतु सरकार की ग़लत मानसिकता के कारण इस पेपर को कराया गया।

मीणा ने कहा है कि इसके पीछे भी तत्कालीन अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ का ही प्लान था, वो चाहते थे कि परीक्षा का आयोजन जल्द होना चाहिए, जिससे उनके द्वारा 2021 मुख्य परीक्षा के तैयार कराए गए पेपर आ जाएं। उनकी मंशा के अनुसार ही जल्द पेपर कराये गये। हद की बात ये है कि अध्यक्ष रहते हुए शिव सिंह राठौड़ ने जिस प्रश्न के बारे में ट्वीट किया वहीं, प्रश्न दस अंक परीक्षा के दौरान आया। इसके अलावा 2021 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका को निजी महाविद्यालय के व्याख्याता से चैक कराना भी बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारे करता है ,प्रदेश में बड़े बड़े प्रोफ़ेसर होने के बाबजूद भी आरपीएससी ने ये कदम उठाना बड़े भ्रष्टाचार की और इशारा करता है। उन्होंने रीट पेपर लीक के आरोपियों की भी एक और लिस्ट वीके सिंह को सौंपी और मीणा ने कहा की एसओजी के अधिकारी भी इस खेल में शामिल थे, जिनके नाम भी वीके सिंह को सौंपे हैं।

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