जयपुर। शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए प्रदेश के समस्त सरकारी एवं निजी विद्यालयों में अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रेरणादायी साहित्य से जोडऩा तथा उनमें शिक्षा, संस्कार और चरित्र निर्माण की भावना को प्रोत्साहित करना है।
निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर सीताराम जाट (आईएएस) द्वारा जारी आदेशानुसार विद्यालयों में लगने वाली इस प्रदर्शनी में पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित विभिन्न विषयों की पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। इन पुस्तकों में महापुरुषों की जीवनियां, योग-प्राणायाम, स्वास्थ्य संवर्धन, कुरीति उन्मूलन, नैतिक मूल्यों का विकास तथा चारित्रिक निर्माण जैसे विषय शामिल हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि प्रदर्शनी में विद्यार्थियों को पुस्तकों को पढऩे और खरीदने दोनों की सुविधा मिलेगी। विशेष छूट के साथ उपलब्ध कराई जाने वाली ये पुस्तकें विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होंगी।
गायत्री परिवार के परिजनों द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी राज्य के सभी जिलों के राजकीय एवं निजी विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से आयोजित की जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी सम्भागीय संयुक्त निदेशकों एवं संस्था प्रधानों को इस प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग प्रदान करने और विद्यालय स्तर पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
तीन बार जेल गए पं.श्रीराम शर्मा आचार्य:
उल्लेखनीय है कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने 3200 पुस्तकों का लेखन किया है, जो प्राय: हर विषय से संबंधित है। बच्चों और युवाओं से जुड़ी दर्जनों पुस्तकें भी लिखी हैं। वे स्वतंत्रत संग्राम में भी शामिल हुए। तीन बार जेल गए।
आजादी के बाद देश के सांस्कृतिक पुनरुत्थान में जुट गए। सरकार ने उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य कई बार राजस्थान में भी आए। सांगानेर के वाटिका में गायत्री शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा उन्होंने स्वयं की।