बाहरी एवं आंतरिक जगत में जीत का मंत्र है गीता: योगी मनीष

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जयपुर। गीता जयंती के तहत विश्व शांति, सद्भाव, सुख समृद्धि, पर्यावरण शुद्धि एवं राष्ट्र गौरव वृद्धि के उद्देश्य से गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा से हुए वैश्विक अभियान के तहत योग पीस संस्थान में योगाचार्य एवं योग विद्यार्थियों ने शनिवार सुबह एक मिनट, एक साथ, सामूहिक गीता पाठ एवं गीता जी आरती की गई।

देश के साथ प्रदेशों से योग प्रशिक्षक का प्रशिक्षण प्राप्त करने आए योग विद्यार्थियों को योग पीस संस्थान के संस्थापक योग गुरु योगाचार्य ढाका राम ने गीता के श्लोको का संस्कृत वाचन करवाने के साथ ध्यान भी करवाया एवं संस्थान के योग निदेशक आध्यात्मिक वक्ता एवं लेखक योगी मनीष भाई विजयवर्गीय ने श्लोकों की हिंदी में व्याख्या करते हुए अंत में कहा कि योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से गाए गए गीत श्रीमद गीता का नियमित अध्ययन और चिंतन करने के साथ व्यवहारिक जीवन में भी उसे जीने यथार्थ प्रैक्टिकल प्रयोग करने से शरीर के बाहरी और आंतरिक दोनों जगत में विजय निश्चित है।

पांचो ज्ञानेंद्रिय एवं पांचो कर्मेंद्रियां पर ऐसे साधक का नियंत्रण हो जाता है। यही राजयोग है क्योंकि कृष्ण अर्थात भगवान सदैव ऐसे अभ्यासी भक्ति के साथ रहते हैं और जहां कृष्ण वहां विजय निश्चित और सुनिश्चित है। जीवन के संग्राम में हर कोई विजेता बने इसी लोक कल्याणकारी उद्देश्य से गीता जयंती पर विश्व भर में राष्ट्रीय संत महामंडलेश्वर ज्ञानानंद महाराज ने जीओ गीता वैश्विक आंदोलन चलाया है, जिसमें योग पीस संस्थान सहभागी बना है।

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