गोविंद देवजी मंदिर में हुआ गोवर्धन पूजन, अन्नकूट प्रसादी लेने उमड़े श्रद्धालु

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Govardhan Puja was performed at Govind Devji Temple.
Govardhan Puja was performed at Govind Devji Temple.

जयपुर। पंच दिवसीय प्रकाश पर्व के चौथे दिन बुधवार को गोवर्धन पर्वत का पूजन हुआ। गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजन किया गया। श्री पिंजरापोल गोशाला, दुर्गापुरा गोशाला, हिंगोनिया गोशाला सहित सभी गोशालाओं में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजन किया गया। कॉलोनियों के मंदिरों के बाहर गोवर्धन पर्वत की झांकी बनाकर पूजन किया गया। मुख्य आयोजन आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ।

गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। सुबह मंगला आरती के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर प्राचीन सुनहरी पोशाक धारण कराई गई और विशेष अलंकार से श्रृंगार किया गया।
मध्यान्हकाल में विशेष अन्नकूट झांकी सजाई गई। छप्पन भोग, 25 प्रकार की विशेष सब्जियां चावल, कच्चे भोग व्यंजन ठाकुरजी को अर्पित किए गए। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के पश्चिमी प्रांगण स्थित तुलसी मंच पर गोवर्धन पूजा एवं गौ-बछड़ा पूजन किया गया। आरती और भोग के बाद श्रद्धालुओं को अन्नकूट प्रसादी वितरित की गई।

विशेष झांकी के दौरान राजभोग झांकी नहीं हुई। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए पुलिस एवं मंदिर प्रशासन ने प्रभावी व्यवस्था की, जिसके चलते भक्तों को सुगम दर्शन का लाभ प्राप्त हुआ। इससे पूर्व दीपावली को हजारों की संख्या में श्रद्धालु गोविंद देवजी मंदिर दर्शन करने पहुंचे। मंदिर परिसर में राधे-राधे के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। दीपों की झिलमिल में मंदिर का सौंदर्य अनुपम हो गया। भक्तों ने ठाकुरजी के दर्शन के बाद आंगन में दीपदान किया।

दीपोत्सव देर रात तक चलता रहा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में भक्तों ने ठाकुरजी के समक्ष दीप प्रज्वलित किए। मंदिर परिसर में श्रद्धालु दीप जलाकर भक्ति में झुमते नजर आए। दीपों की यह रोशनी केवल मिट्टी के दीयों की नहीं थी, बल्कि भक्तों के हृदय में जलती आस्था की लौ थी, जिसने पूरी गुलाबी नगरी को भक्ति और आनंद से आलोकित कर दिया।

मोती डूंगरी गणेशजी, गलता तीर्थ, चांदपोल बाजार के रामचंद्रजी मंदिर, चांदपोल हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। शाम को आरती और दीपदान के साथ मंदिर परिसर प्रकाशमय हो गए। भक्तों ने ठाकुरजी के समक्ष दीप जलाकर परिवार में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना की।

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