जयपुर। श्रावण मास भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माह माना जाता है। इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक रहेगा। श्रावण मास में शिवभक्त विशेष रूप से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत,पूजन,जाप और अभिषेक करते हैं।
आचार्य रिशांक शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में सहस्त्रधारा, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, शिव महिमा और शिव तांडव पाठ करना कोटि गुना फलदायक होता है। इस साल सावन में चार सोमवार 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त को आएंगे। सोमवार और प्रदोष व्रत विशेष फलदायी माने जाते हैं। इस बार दो प्रदोष 22 जुलाई और 6 अगस्त को रहेंगे। वहीं नाग पंचमी भी दो बार 15 और 29 जुलाई को पड़ेगी।
शर्मा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग इस बार 10 दिन रहेंगे जो 12, 15, 17, 18, 21, 24, 30 जुलाई और 4, 8 और 9 अगस्त को रहेगा। इस बार अमृत योग 21 और 24 जुलाई को रहेगा।
शर्मा ने बताया कि अमृत योग को शुभ योग माना गया है।उन्होंने बताया कि गुरु पुष्य योग 24 जुलाई को श्रेष्ठ बन रहा है। इसी के साथ रवि पुष्य और श्रेष्ठ योग 19 जुलाई को बन रहा है।
भद्रा का रहेगा प्रभाव
आचार्य रिशांक शर्मा ने बताया कि इस बार श्रावण मास में भद्रा का भी प्रभाव रहेगा. 13, 16, 17,19, 20, 22, 23, 28, 31 जुलाई और 1, 4, 5, 8 अगस्त को भद्रा का प्रभाव रहेगा। इस बार विशेष योग द्विपुष्कर योग 22 जुलाई को और त्रिपुष्कर योग 12 जुलाई को बन रहा है।
24 जुलाई को रहेगी देव पितृ अमावस्या
शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में पंचक का भी प्रभाव रहेगा। 13 से 17 जुलाई तक और 9 अगस्त को पंचक रहेगा। श्रेष्ठ पर्व योग 21 जुलाई को कामदा एकादशी 5 अगस्त को पवित्रा एकादशी 24 जुलाई को देव पितृ अमावस्या, हरियाली अमावस्या का संयोग रहेगा। 31 जुलाई को तुलसीदास जयंती महोत्सव रहेगा।
28 जुलाई को वन महोत्सव
शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में 28 जुलाई को विनायक चतुर्थी का शुभ योग है। 26 जुलाई को सौभाग्यवती सुहागन महिलाओं का सिंजारा और 27 जुलाई को हरियाली तीज,झूला तीज महिलाओं के सुख सौभाग्य का पर्व होगा। 28 जुलाई को वन महोत्सव और जैन समाज का श्रवण तपस्या का श्रेष्ठ दिन रहेगा।
9 अगस्त को रहेगा रक्षाबंधन
उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को रक्षाबंधन, संस्कृत श्रावणी उपक्रम पूर्णिमा का पुण्य पर्व रहेगा। पूरे श्रावण मास में शंकर पार्वती शिव परिवार विशेष कृपा से पृथ्वी पर ही विद्यमान रहेंगे। लिहाजा पूरे श्रावण मास में किसी भी दिन किसी भी तारीख किसी भी समय शिव परिवार को प्रसन्न करने के लिए शिवपूजन रुद्राभिषेक सहस्त्र धारा करवाना अक्षय गुना फल प्राप्त होने का शुभ संकेत है।