भारतीय पैरा-एथलीट्स ने दिखाई अदम्य जज़्बे की मिसाल

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मुंबई : अल्बेना, बुल्गारिया में 10 से 22 सितंबर 2025 तक आयोजित 46वीं विश्व आर्मरेसलिंग चैंपियनशिप और 27वीं पैरा-आर्मरेसलिंग चैंपियनशिप में भारत का नेतृत्व कर रही हैं पीपल्स आर्मरेसलिंग फेडरेशन इंडिया की अध्यक्ष और एशियन आर्मरेसलिंग फेडरेशन की उपाध्यक्ष प्रीति झंगियानी। उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम पूरे आत्मविश्वास और ताकत के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौती पेश कर रही है।

झंगियानी, जिन्होंने भारत में आर्मरेसलिंग को नई पहचान दिलाई है, इस बार भी गर्व से भारतीय खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 60 से अधिक देशों और 1,500 से ज्यादा प्रतिभागियों की मौजूदगी इसे विश्व की सबसे बड़ी आर्मरेसलिंग प्रतियोगिताओं में शुमार करती है।

इस अवसर पर प्रीति झंगियानी ने कहा—“इस जिम्मेदारी को निभाना मेरे लिए गर्व का विषय है। हमारे खिलाड़ियों की लगन और जुनून मुझे बेहद प्रेरित करता है। वे ही भारत की असली शान हैं और इन्हीं की मेहनत से हम यहां खड़े हैं। मैं हर खिलाड़ी को सफलता की शुभकामनाएँ देती हूँ।”

भारत के प्रदर्शन ने भी उम्मीदों को पूरा किया। राजबीर नंदा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया, जबकि श्रीशांत ने रजत पदक हासिल कर देश का मान बढ़ाया। इनकी उपलब्धियाँ भारतीय खेल शक्ति की बढ़ती पहचान को उजागर करती हैं।

यह चैंपियनशिप भारत के लिए सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और वर्षों के अभ्यास का मंच है। भारतीय टीम में न केवल अनुभवी चैंपियंस और उभरते सितारे शामिल हैं, बल्कि पैरा-एथलीट्स भी हैं, जिनका साहस और धैर्य खेल की सच्ची भावना को जीवंत करता है।

झंगियानी के जोशीले नेतृत्व और खिलाड़ियों के अदम्य जज़्बे के साथ भारत इस वैश्विक प्रतियोगिता में अपनी ताकत का नया अध्याय लिख रहा है।
(अनिल बेदाग)

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