केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में छात्रों को दी इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज की बारीकियों एवं भविष्य के रोड मैप की जानकारी

0
322

जयपुर। छात्रों को इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज की बारीकियों, इसके विधि व नियामक ढांचा निर्माण तथा भविष्य के रोड मैप के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से शुक्रवार को महानिदेशक एससीआरबी डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा के मुख्य आतिथ्य में केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान जयपुर में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) जयपुर के निदेशक एवं डीआईजी डॉ अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के तत्वाधान में इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज विधि व्याख्यान श्रंखला पर प्रथम व्याख्यान “चैलेंजेज इन बिल्डिंग रेगुलेटरी फ्रेमवर्क फॉर इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज’ पर आयोजित हुआ।

इसमें विभिन्न विधि विद्यालयों और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों की फैकल्टी, तकनीकी विशेषज्ञों व छात्रों ने भाग लिया। प्रथम व्याख्यान में साइबर कानून के विशेषज्ञ एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता पवन दुग्गल ने इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज की उपयोगिता एवं चुनौतियां के नियामक ढांचे को विस्तार से अवगत कराया। इस वर्कशॉप में डॉ अमनदीप सिंह कपूर, श्री दुग्गल एवं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मेघालय के वाइस चांसलर इंद्रजीत दुबे के बीच एक परिचर्चा का आयोजन हुआ।

वक्ताओं ने नवीनतम प्रौद्योगिकी यथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चैट जीपीटी इत्यादि के बारे में विस्तार से उल्लेख करते हुए उक्त प्रौद्योगिकी की विधि, चिकित्सा जगत, राजनीति एवं अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में उपयोगिता के बारे में बताया एवं आंतरिक सुरक्षा में प्रभाव पर भी चर्चा की।

अंत में वर्कशॉप के मुख्य अतिथि महानिदेशक, एसीआरबी डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा ने प्रौद्योगिकी कानून के क्षेत्र में हो रहे उपयोग व दुरुपयोग के विषय पर प्रकाश डाला। साथ ही सभी घटकों से समन्वय एवं हित धारकों की महत्ता पर बल दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here