जयपुर पुलिस ने पीआईटी एनडीपीएस एक्ट मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल भेजा

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जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने गुरुवार को स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 (पीआईटी एनडीपीएस एक्ट) मामले में पहली कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसे अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में भेज दिया हैं। इस एक्ट में गिरफ्तार करने के लिए हाल ही में गृह सचिव राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया था, इसी आदेश के तहत यह कार्रवाई की गई।


जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से राज्य में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने और बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश मिले थे।
इस पर दक्षिण जिले में ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस के तहत कार्यवाही की जा रही है। जिसके चलते मादक पदार्थ तस्कर मोहम्मद अली उर्फ बबलू (40) निवासी गंगा विहार कॉलोनी थाना श्याम नगर जयपुर के खिलाफ यह कार्रवाई की। आरोपी के बारे में जानकारी गृह विभाग से साझा की गई और फिर इस पर गृह विभाग ने आरोपी को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में भेजने के निर्देश दिए।

जिस पर आरोपी मोहम्मद अली को गिरफ्तार कर अजमेर जेल में बंद किया गया। गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद अली उर्फ बबलू के खिलाफ भी तक आठ मामले दर्ज हो चुके है। सभी आठ प्रकरणों में आरोप कोर्ट में पेश किया जा चुका हैं। अपराधी से अब तक आठ लाख 63 हजार 710 रुपए छह प्रकरणों में पैसा जब्त किया जा चुका हैं। अपराधी स्वयं नशा करने का आदी है एवं मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से भारी धन राशि प्राप्त कर रहा है। समाज में नशे की लत को बढ़ाने में सक्रिय योगदान दे रहा था।


पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) जयपुर योगेश गोयल ने बताया कि स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 के राज्य सरकार को अधिकतम दो साल की अवधि के लिए अपराधी को कारागार में निरुद्ध किये जाने का प्रावधान है। जयपुर पुलिस ने किसी अपराधी के खिला स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 के तहत इस प्रकार की यह पहली कार्यवाही है।


गौरतलब है कि पीआईटी एनडीपीएस की धारा 3(1) के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती हैं। जो निरंतर अवैध रूप से मादक पदार्थों का व्यापार करते हैं। जिन को कई बार इस अपराध के लिए जेल में बंद भी कर दिया गया हो। लेकिन उसके बाद भी वह जेल से आने के बाद निरंतर इसी अपराध को करते हैं। जिस से समाज में एक गलत भावना जागती हैं। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सरकार कड़ा रुख लेते हुए उन्हें जिले से बाहरी जिले की जेल में बंद कर देती हैं।

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