जयपुर टाइगर फेस्टिवल: राहगीर लाइव शो में झूमे श्रोता

0
54
Jaipur Tiger Festival: Spectators grooved to the live show by Rahgir.
Jaipur Tiger Festival: Spectators grooved to the live show by Rahgir.

जयपुर। सर्द शाम, शिल्पग्राम में सजी वाइल्ड लाइफ की नयी दुनिया इसी बीच सुरीले गीतों पर झूमते कलाप्रेमी। जवाहर कला केन्द्र में शुक्रवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। मौका रहा राजस्थान हेरिटेज, आर्ट एंड कल्चरल फाउंडेशन द्वारा, जवाहर कला केन्द्र की सहभागिता में आयोजित जयपुर टाइगर फेस्टिवल के दूसरे दिन का। यहां शाम सजी युवाओं में पहल पसंद बनकर उभरे युवा कलाकार राहगीर के गीतों के साथ। उन्होंने स्वरचित गीतों और कविताओं से श्रोताओं की दाद बंटोरी। ‘हाथ में गिटार, पीठ पर बस्ता है, जूतों में कंकड़, लंबा रास्ता है।

आती होगी लोगों को कॉफी और किताबों की याद, मुझे तो पेड़ अच्छे लगते हैं, जब सावन बरसता है’, ‘जाहिलों का कोई शहर नहीं क्या जयपुर क्या दिल्ली’, ‘ये जो हंस रही है दुनिया, मेरी नाकामियों पे, ताने कस रही है दुनिया, मेरी नादानियों पे, पर मैं काम कर रहा हूँ अपनी सारी खामियों पे’, ‘अभी पतझड़ नहीं आया अभी से पत्ते झड़ गए, भाई राहगीर हम कौनसी गाड़ी पर छड़ गए’ आदि गीतों से उन्होंने सादगी और जीवन की सच्चाई को जाहिर किया।

‘कान्या रे मान्या रे कुर, चाला जोधपुर’ गीत के साथ उन्होंने श्रोताओं को रिश्तों के प्रेम और राजस्थानी संस्कृति के सौंदर्य से रूबरू करवाया। हर उम्र के कला प्रेमी राहगीर के गीतों पर झूमते नजर आए। उनका हर गीत और कविता ने लोगों के दिल तक पहुंच बनाई। जब उन्होंने ‘मेरे गांव आओगे’ गीत गाया तो समय जैसे थम गया। उन्होंने ‘अमलीड़ो’, ‘गोरबंध’ सरीखे राजस्थानी गीतों से भी वाहवाही लूटी। इसी तरह राहगीर ने अपने अनूठे अंदाज में महफिल में समां बांधा।

फेस्टिवल के अध्यक्ष संजय खवाड़ ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के संदेश के साथ मनोरंजन के रंगों से सराबोर करने के लिए उद्देश्य से आयोजित होने वाले जयपुर टाइगर फेस्टिवल में वाइल्डलाइफ को करीब से जानने के लिए बड़ी संख्या में विजिटर्स आ रहे हैं। दिन की शुरुआत स्वास्थ्‍य कल्याण योगा कॉलेज द्वारा आयोजित योगा से हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने तन–मन को संतुलित करने का अनुभव किया। इसके बाद नीरज चन्द्रा ने रोचक स्टोरी टेलिंग प्रस्तुत की जिसमें जंगल सफारी, टाइगर टेल्स से जुड़ी रोचक कहानियों ने विजिटर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा।

आरुन्या प्रशार ने ‘एथिकल सफ़ारी’ पर कविता और अभिनय के माध्यम से संवेदनशील संदेश दिया। वहीं उमा जोशी ने टाइगर से जुड़ी पंचतंत्र की प्रेरक कहानियाँ सुनाईं। दोपहर में दर्श पेसवानी की दमदार ड्रमिंग प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। लाइव पेंटिंग सेशन में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ भाग लिया।

आरपीएस सिद्धांत शर्मा ने स्टोरी टेलिंग सेशन में टाइगर कंजर्वेशन का महत्व समझाया। उपाध्यक्ष सर्वेक्ष अग्रवाल ने बताया कि फेस्टिवल में लाइव पेंटिंग का सेशन भी आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। फ़िलेटेलिक सोसाइटी ऑफ राजस्थान के सहयोग से जयपुर टाइगर फेस्टिवल में डाक टिकट प्रदर्शनी भी लगाई गई है। आयोजन समिति सदस्य शुभम अग्रवाल ने बताया कि फेस्टिवल में विजिटर्स के लिए लकी ड्रा कूपन उपलब्ध हैं।

शिल्पग्राम में इन्सटॉल लेटर बॉक्स में आप कूपन लेकर डाल सकते हैं जिसमें लकी ड्रा में फर्स्ट प्राइज़ बाइक, सेकंड प्राइज फ्रिज और थर्ड प्राइज में टी.वी. जीत सकते हैं। बेस्ट फोटोज को चयनित करके पार्टिसिपेंट्स को सम्मानित किया जाएगा। 20वीं सदी की विख्यात महिला कलाकार अमृता शेर-गिल द्वारा बनाया गया दुर्लभ टाइगर स्केच प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण रहा। इसके अलावा एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग भी एग्ज़िबिशन में दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है।

बाघों पर मंथन और वाइल्ड लाइफ फिल्ममेकर सुब्बैया नल्ला मुत्थु की मास्टर क्लास शनिवार को

फेस्टिवल के फाउंडर पैट्रन धीरेन्द्र गोधा ने बताया कि 13 दिसंबर को योग और स्टोरी टेलिंग सेशन के बाद सुबह 11 से दोपहर 12 बजे तक वाइल्डलाइफ फिल्ममेकर सुब्बैया नल्ला मुत्थु, फोटोग्राफर अपारूपा डे, संगीतकार और गायक अभिषेक रे टॉक शो में अपने विचार रखेंगे। बाघों पर गौरव नक्रा की पुस्तक का विमोचन भी इस दौरान होगा। ‘बाघ’ नामक पुस्तक पर अभिषेक रे संवाद व स्टोरी टेलिंग सेशन लेंगे। पंचतंत्र कथा सेशन के बाद सायं 5 से 7:30 बजे तक डॉ. रीला होता एवं टीम के कलाकार ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति देंगे, म्यूजिक परफॉर्मेंस के साथ शाम का समापन होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here