जवाहर कला केन्द्र : जूनियर समर प्रोग्राम में बच्चे सीख रहे फोटोग्राफी

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Jawahar Kala Kendra: Children are learning photography in Junior Summer Program
Jawahar Kala Kendra: Children are learning photography in Junior Summer Program

जयपुर। ‘तस्वीर हमारे जहन में हमेशा जिंदा रहती है। अब फोटोग्राफी सिर्फ वेडिंग तक सीमित नहीं रही डिजिटल दौर में यह बेहतर करियर विकल्प बन सकती है।’ यह कहना है फोटोग्राफी एक्सपर्ट संजय कुमावत का। वे जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित जूनियर समर प्रोग्राम (कैम्प) में बच्चों को फोटोग्राफी का हुनर सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फोटोग्राफी में 12 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।

उन्होंने बताया कि हमारी आंखें भी फोटोग्राफिक रूप से ही चीजों को देखती है। फोटो हमें अतीत से साक्षात्कार करवाती है, जब भी पुरानी फोटो देखते है तो मन में भाव उभर आते हैं। संजय बताते है कि बच्चों को बेसिक से एडिटिंग तक की जानकारी दी जा रही है। फोटो का आधार लाइट है और दूसरा एलिमेंट है फ्रेमिंग।

इसी के साथ तकनीकी पहलुओं में व्हाइट बैलेंस, अपर्चर, शटर स्पीड, आईएसओ जैसे फेक्टर शामिल है। इन सभी के बाद बच्चों को एडिटिंग भी सिखाई जा रहे है जिससे बच्चे फोटो को फाइनल टच देकर और भी आकर्षक बना सके। बच्चों को केन्द्र के साथ-साथ विभिन्न कक्षाओं में विजिट करवाकर लाइव फोटोग्राफी भी करवाई जा रही है और खामियों पर तुरंत काम किया जाता है।

संजय ने बताया कि फोटो के लिए मोबाइल सेकडंरी ऑप्शन है जो कभी कैमरे की जगह नहीं ले सकता। हाई क्वालिटी फोटोज के लिए कैमरा से ही बेहतर रिजल्ट सामने आता है। हालांकि यहां मोबाइल फोटोग्राफी भी सिखाई जा रही है। बकौल संजय अच्छी फोटो लेने के लिए संयम बेहद जरूरी है, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर को एक अच्छी फोटो के लिए महीनों का इंतजार तक करना पड़ता है। आद्यांश भार्गव ने कहा कि फोटो उनके लिए मन की बात कहने का तरीका है। अनिरुद्ध पैशन फॉलो कर रहे हैं। आर्चरी प्लेयर भूमि मीणा ने कहा कि फोटोग्राफी भी टारगेट को लेंस से लक्षित करने जैसा ही है।

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