जयपुर। थ्री एम डाॅट बैंड थिएटर फैमिली सोसाइटी और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जाने वाला जयपुर थिएटर फेस्टिवल (जयरंगम फ्रिंजेस) अब असम में अपना जलवा बिखेरेगा। जयरंगम फ्रिंजेस के तहत पहली बार 24 से 30 सितंबर तक असम (टांगला, उदलगुड़ी) में सात नाटकों का मंचन किया जाएगा। खास बात यह है कि फेस्टिवल में नाटक के साथ-साथ कला प्रेमी मास्क मेकिंग वर्कशॉप में अपना हुनर निखारेंगे बल्कि राजस्थानी लोक नृत्य-लोक गायन व असम के लोक नृत्यों का लुत्फ भी उठा पाएंगे, रंगसंवाद में नाटक पर विस्तृत चर्चा होगी।
थ्री एम डाॅट बैंड थिएटर फैमिली सोसाइटी की रुचि नरूला ने बताया कि फेस्टिवल में राजस्थान के तीन नाटक मंचित किए जाएंगे, प्रदेश से 40 कलाकारों की टीम वहां मंचन के लिए पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि असम के कला प्रेमी राजस्थान के नाटकों के साथ-साथ प्रदेश की लोक संस्कृति से भी रूबरू हो पाएंगे, जयरंगम फ्रिंजेस विभिन्न प्रदेशों की कला एवं संस्कृति को साझा करने का संयुक्त प्रयास है। 24 सितंबर को सुबह 9 बजे राजस्थानी लोक नृत्य के साथ फेस्टिवल का आगाज होगा, शाम 6:30 बजे असम के पबित्र राभा के निर्देशन में ‘मोंगली’ नाटक का मंचन होगा।
25 से 30 सितंबर तक सुबह 9 बजे मास्क मेकिंग वर्कशॉप होगी व दोपहर 12 बजे रंगसंवाद होगा। 25 सितंबर को शाम 6 बजे हमजर नृत्य और शाम 6:30 बजे रुचि नरूला के निर्देशन में ‘बिज्जी कहिं’ नाटक होगा। 26 सितंबर शाम 6 बजे सथर नृत्य और 6:30 बजे मेघाालय के जेम्स संगमा निर्देशित ‘दु-कोन’ नाटक होगा। 27 सितंबर को शाम 6 बजे बरदवसिखला नृत्य व 6:30 बजे गोपाल आचार्य निर्देशित ‘भोपा भैरूनाथ’ नाटक होगा।
28 सितंबर शाम 6 बजे ग्वालिनी नृत्य एवं गोपाल आचार्य निर्देशित ‘भीड भरा एकांत’ नाटक का मंचन किया जाएगा। 29 सितंबर को शाम 6 बजे बागरूम्बा नृत्य और 6:30 बजे नागालैंड के बेनडान्ग वॉलिंग के निर्देशन में ‘ओशी यिम’ नाटक का मंचन होगा। आखिरी दिन 30 सितंबर शाम 6 बजे राजस्थानी लोकगीत की प्रस्तुति और 6:30 बजे असम के गुनामोनी बोरुआह के निर्देशन में ‘हेपाहोर जूलोनगा’ के मंचन के साथ जयरंगम फ्रिंजेस का समापन होगा।